नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष व पूर्व महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने महापौर महेश कुमार से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में जनमत खो चुकी आम आदमी पार्टी अब नगर निगम सदन में भी विश्वासमत खो चुकी है.
भाजपा के पार्षदों की संख्या 116 हो गई है. वहीं, आम आदमी पार्टी के पास पार्षदों की संख्या 114 ही बची है. ऐसे में सदन में संख्याबल न होने पर महापौर को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. वह नैतिकता के तौर पर इस्तीफा दें. नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि भाजपा अब जनहित के मुद्दों को उठाना जारी रखेगी. साथ ही अब जब आप का संख्या बल निगम में कम है तो अब उनकी मनमर्जी भी नहीं चल सकेंगी.
आम आदमी पार्टी की सरकार में महापौर ने अपना अड़ियल रवैया अपनाते हुए अपने विवेकाधिकार फंड को 500 करोड़ तक कर दिया था और उद्यान से लेकर सड़क और पार्कों की मरम्मत के लिए विभिन्न मदों में होने वाला फंड शून्य कर दिया था. इसके परिणाम स्वरूप पूरी तरह से विकास कार्य ठप हो गए थे. राजा इकबाल सिंह ने कहा कि निगम में जब भी भाजपा को सेवा का मौका मिलेगा, आप सरकार द्वारा रोके गए कार्य भाजपा की सरकार पूरा करेगी. दिल्ली में आने वाले दिनों में तीन इंजन की सरकार होगी.
मेयर बनने का रास्ता लगभग साफ: अप्रैल में मेयर चुनाव तक और भी आम आदमी पार्टी के पार्षद भाजपा में शामिल हो सकते हैं. अगर कांग्रेस के सभी 8 पार्षद आम आदमी पार्टी को भी वोट कर दें तो भी उनका संख्या बल 125 ही पहुंचेगा. ऐसे में भाजपा का मेयर बनने का रास्ता लगभग साफ हो सकता है.
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