रांची: हेमंत सोरेन सरकार वर्ष 2025-26 के आम बजट के लिए जनता की राय मांग रही है. सत्तारूढ़ इंडिया ब्लॉक के दलों के साथ-साथ वित्त मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक का दावा है कि जनता से मिले सुझाव और सलाह में से जो भी 'सुझाव' सर्वोत्तम होंगे, उन्हें बजट का हिस्सा बनाया जाएगा. इसके लिए सरकार ने 04 जनवरी को 'अबुआ बजट एप' भी लॉन्च कर दिया है, जो 17 जनवरी तक एक्टिव रहेगा.
हेमंत सरकार द्वारा अबुआ बजट को लेकर जनता से मांगी जा रही राय पर भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि गांव की सरकार बनाने और गांव से सरकार चलाने का दावा करने वाली सरकार 'एप' और 'ईमेल' से आम लोगों की 'राय' मांग रही है. अब गांव के कितने लोग ईमेल और एप फ्रेंडली हैं यह बड़ा सवाल है.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि गांव से सरकार चलाने का दावा करने वाली सरकार के बजट में झारखंड के गांव कस्बों के लोगों की राय शामिल नहीं होगी और न ही उन्हें सर्वोत्तम सुझाव के बदले कोई fनाम ही मिलने जा रहा है. दरअसल, सरकार बात तो ग्रामीण विकास और गांव के लोगों की करती है लेकिन काम उनके लिए नहीं करती.
विपक्ष को संतुष्ट नहीं किया जा सकता- झामुमो
अबुआ बजट को लेकर एप और ईमेल के माध्यम से आम लोगों से राय मांगने पर भाजपा द्वारा उठाये जा रहे सवाल के जवाब में झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि राज्य में विपक्ष हठधर्मी है, उसे संतुष्ट नहीं किया जा सकता है.
झामुमो नेता ने कहा कि झारखंड का बजट आमजनों की इच्छा के अनुरूप हो, इसके लिए हेमंत सोरेन की सरकार ने बेहतरीन परिकल्पना को साकार करने की कोशिश की है. अगले वित्तीय वर्ष का बजट एक समावेशी बजट होगा. इसमें बेहतरीन सुझाव आएंगे और उस पर सरकार अमल भी करेगी.