रांची: जमीन घोटाले मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय एक बार फिर से अगले पांच दिनों तक पूछताछ करेगी. बुधवार को ईडी की विशेष अदालत ने ईडी की दलील सुनने बाद पूछताछ के लिए एक बार फिर से रिमांड मुकर्रर कर दिया.
अगले पांच दिनों तक होगी पूछताछ: रांची जमीन घोटाले मामले में ईडी दूसरी बार पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से पांच दिनों तक पूछताछ करेगी. 5 दिन की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद एजेंसी के अधिकारियों ने कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्व मुख्यमंत्री को विशेष अदालत में पेश किया. जहां ईडी के अधिकारियों ने अदालत को बताया कि अभी भी रांची जमीन घोटाले मामले में हेमंत सोरेन से काफी कुछ जानना बाकी है. ऐसे में एक बार फिर से 7 दिनों की रिमांड दी जाए. हालांकि तमाम दलीलों को सुनने के बाद अदालत में 5 दिनों की रिमांड एक बार फिर से मंजूर कर दी.
पांच दिन में कई लोगों से हुई पूछताछ: इससे पूर्व पांच दिनके रिमांड पर हेमंत और उनके कुछ करीबियों से ईडी पूछताछ कर चुकी है. मंगलवार को ईडी ने रांची जमीन घोटाले में बड़गाई की 8.50 एकड़ जमीन के कब्जे व मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूरे दिन पूछताछ की थी, वहीं पूछताछ और जांच में आए तथ्यों के आधार पर ईडी ने मंगलवार दोपहर में पूर्व सीएम के करीबी दोस्त आर्किटेक्ट विनोद सिंह को भी अचानक तलब किया था. ईडी ने दोपहर एक बजे के बाद तकरीबन पांच घंटे तक विनोद सिंह से पूछताछ की थी. अवैध खनन और गवाहों को प्रभावित करने से जुड़े केस में छापेमारी के बाद विनोद सिंह पहली बार ईडी की रडार पर आए थे. इस केस के बाद अब जमीन घोटाले में विनोद सिंह का बयान ईडी ने लिया गया है.
जमीन घोटाले से जुड़े मामले में आया नाम: ईडी सूत्रों के मुताबिक, हेमंत सोरेन के करीबी विनोद सिंह का नाम भी जमीन घोटाले में सामने आया है. विनोद सिंह के विषय में नए तथ्य हासिल हुए हैं. इसी आधार पर मंगलवार को समन कर विनोद सिंह को बुलाया गया था. हेमंत सोरेन और विनोद सिंह से पूछताछ में जो जानकारियां मिली हैं, उसका क्रॉस एग्जामिनेशन ईडी ने मौके पर कराया. ईडी अधिकारी मंगलवार दोपहर चार दिनों के रिमांड पर बड़गाईं अंचल के पूर्व राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को लेकर ईडी कार्यालय पहुंचे थे. भानु प्रताप व उसके निजी अमीन शषेंद्र महतो को आमने सामने बैठाकर ईडी ने पूछताछ की है. नए तथ्यों के सामने आने के बाद ही उसी को आधार रखकर पूर्व मुख्यमंत्री से और 5 दिन पूछताछ के लिए समय एजेंसी के अधिकारियों ने विशेष अदालत से मांगा था जिसे मंजूर किया गया.