भरतपुर: जिले में बुधवार को मौसम ने अपना मिजाज बदला और सुबह से ही झमाझम बारिश का दौर शुरू हुआ, जो करीब 7 घंटे तक लगातार जारी रहा. इसके बाद दिनभर रुक रुक कर रिमझिम बरसात होती रही. इससे मौसम खुशनुमा हो गया. वहीं जलभराव से जूझ रहे कई क्षेत्रों में बरसात का पानी और भर गया. इसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. जिले में इस बार अब तक मानसूनी सीजन में 1001.8 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है.
पिछले कई दिनों से बरसात के बाद निचले इलाकों में जलभराव से बाढ़ जैसे हालात हो गए थे. बुधवार को बारिश ने लोगों को फिर से परेशानी में डाल दिया. शहर की एक दर्जन से अधिक कॉलोनियों में अभी भी बरसात का पानी भरा हुआ है. जिसके लिए प्रशासन की ओर से एक दर्जन से अधिक काॅलोनियों में लोगों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए मोटर और ट्रैक्टर पंप लगा रखे हैं.
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घरों में घुस रहे कीड़े मकोड़े:विमल कुंज निवासी लक्ष्मण प्रसाद चौधरी ने बताया कि एक माह से अधिक समय से कॉलोनी में तीन फुट से अधिक पानी भरा हुआ है. जलभराव की वजह से कॉलोनी में आने जाने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली की मदद लेनी पड़ रही है. यहां तक कि बच्चों का खेलना कूदना और स्कूल जाना भी बंद हो गया है. घरों के चारों ओर पानी भरा होने से कीड़े, मकोड़े पैदा हो गए हैं. जो घरों के अंदर पहुंच रहे हैं. जिससे लोग भय के साए में रह रहे हैं.
बाहर निकला हुआ मुश्किल:विमल कुंज निवासी विनय कुमार शर्मा ने बताया कि एक माह के करीब विमल कुंज में बारिश का पानी भरा होने से मच्छरों की समस्या पैदा हो गई है. इसके अलावा घरों में अब सांप, कीड़े, मकोड़े घुसने लगे हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. बाजार से खाने पीने की वस्तुएं भी नहीं ला पा रहे हैं. ऐसा ही हाल न्यू पुष्प वाटिका, विजय नगर, पुष्पवाटिका कॉलोनी, स्टेडियम नगर, सेवर क्षेत्र की कई कॉलोनी, तिलक नगर आदि से अधिक एक दर्जन कॉलोनियों में है. इसके अलावा गांव में भी जलभराव की समस्या से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
औसत से करीब दोगुना अधिक बरसात: जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता बने सिंह ने बताया कि 35 साल के रिकॉर्ड के अनुसार औसत बारिश 557 मिमी है, लेकिन इस बार अब तक मानसूनी सीजन में 1001.8 मिमी बरसात हो चुकी है. इसके अलावा बंध बारैठा से भी अब तक बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जा चुका है. करौली के पांचना बांध से छोड़े गए पानी की वजह से भी जिले के बयाना, रूपवास और रुदावल क्षेत्र में बाढ़ के हालात बने हुए हैं.