जोधपुर: राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का 17वां दीक्षांत समारोह रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि विधि के क्षेत्र में डिग्री हासिल करने वाले सभी को बधाई. आप सभी गरीबों और वंचित वर्ग की सेवा के लिए आगे आएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने ज्ञान, हुनर और अनुभवों का लाभ जरूरतमन्दों तक पहुंचाने के लिए सेवा भावना से आगे आएं.
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि लॉ क्षेत्र बहुत बड़ा है. देश के संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर भी अधिवक्ता थे. ऐसे में देश में न्याय की भावना दिखाई देती है. उन्होने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने भी आमजन व पीड़ित को न्याय दिलाने की भावना से तीन नए कानून बनाए हैं. समाज, देश व प्रदेश के वंचितों की सेवा का भाव होने के लिए संवेदनशीलता होना जरूरी है, आप संवेदनशील बनो. इसके साथ ही कहा कि सरकार ने युवा वर्ग के लिए पांच सालों में निजी व सरकारी क्षेत्र में 10 लाख नौकरियों के लिए प्रयास करना शुरू कर दिया है. सरकार हर क्षेत्र में पारदर्शिता के साथ काम कर रही है. इस बार बजट में इसकी झलक भी दिखाई दी होगी.
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उन्होंने कहा कि हमने खास तौर पर युवाओं को रोजगार के लिए नए संसाधन तैयार करने का प्रयास किया है. प्रदेश में पीड़ित व वंचितों के लिए न्याय देने का प्रयास कर रहे हैं. सरकार ने अपने बजट में भी प्रदेश में नए न्यायालय खोलने के लिए 325 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है. इसके अलावा भी यदि आवश्यकता होगी, तो बजट की कमी नहीं रहेगी. इसके अलावा सरदार पटेल साइबर सेंटर बनाने के लिए बजट दिया है.
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संदीप मेहता, केबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल गेस्ट ऑफ ऑनर व राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने अध्यक्षता की. समारोह में हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी, वरिष्ठ न्यायाधीश दिनेश मेहता भी विशिष्ठ अतिथि थे. दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संदीप मेहता ने कहा कि वर्तमान में विधि के क्षेत्र में कई चुनौतिया आ रही हैं. ऐसे में आने वाले नए विद्यार्थियों को विधि के ज्ञान के साथ आमजन की सेवा का भाव होना चाहिए.
आज जोधपुर में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह में सहभागिता कर प्रतिभाशाली युवा विधिवेत्ताओं को संबोधित किया।
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) February 23, 2025
इस गौरवपूर्ण अवसर पर स्वर्ण पदक, प्रमाण-पत्र एवं शैक्षणिक उपाधियां प्राप्त करने वाले प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें… pic.twitter.com/uAKcrSq8WS
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दीक्षान्त समारोह में कुल 181 प्रतिभाओं को उपाधियां प्रदान की गईं. इनमें स्नातक के 118, स्नातकोत्तर के 45, एमबीए के 11 व 9 शोधार्थियों को पीएचडी डिग्री प्रदान की गई. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के 25 विद्यार्थियों को विभिन्न श्रेणियों में स्वर्ण पदक प्रदान किए गए. डिग्री व मेडल पाने वाले विद्यार्थियों के साथ उनके परिजनों के चेहरे भी खिले हुए नजर आए. समारोह में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनोजकुमार गर्ग, न्यायाधीश कुलदीप माथुर, रजिस्ट्रार जनरल चंचल मिश्रा, राजस्थान सरकार के महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद, सूरसागर विधायक देवेन्द्र जोशी सहित जनप्रतिनिधि, विधि जगत से जुड़ी हस्तिया, अधिवक्ता, एनएलयू का स्टॉफ व विद्यार्थियों के परिजन भी मौजूद थे.