बाड़मेर: जिले में डिलीवरी के दौरान मां और बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवाया है. परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वे मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. परिजनों की मांग है कि दोषियों के खिलाफ कानून कार्रवाई की जाए.
मृतका के पति पारसराम मेघवाल ने बताया कि उसकी पत्नी पवनी (उम्र 32) को डिलीवरी के लिए उप जिला स्वास्थ्य केंद्र, धोरीमन्ना में शनिवार शाम को भर्ती करवाया था. इस दौरान डाक्टरों व स्टॉफ ने कुछ जांचे करके बताया कि डिलीवरी नॉर्मल हो जाएगी. पत्नी को रात के समय प्रसव पीड़ा होनी शुरू हुई, तो हमने अस्पताल स्टॉफ को बोला कि डिलीवरी करवाओ या हमें आगे रेफर कर दो. उनका आरोप है कि उस समय उन्हें फटकारा गया और डिलीवरी करने की बात कही गई.
मृतका के पति ने बताया कि इसके बाद रविवार सुबह 4 बजे पवनी को लेबर रूम में ले गए. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि लेबर रूम में दो कम्पाउंडरों ने पवनी के दर्द होने पर जबरदस्ती पेट पर प्रेशर देकर डिलीवरी करवा दी. इस दौरान बच्चे की मौत हो गई व पवनी बेहोश हो गई. उनका आरोप है कि इसके बाद पवनी के ब्लीडिंग ज्यादा होने पर जबरदस्ती एंबुलेंस में बाड़मेर भेज दिया गया. यहां जिला अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने पवनी को मृत घोषित कर दिया.
उन्होंने बताया कि पवनी का शव मोर्चरी में रखवाया गया है, जबकि नवजात शिशु की डेड बॉडी धोरीमन्ना में है. उनका आरोप है कि इस मामले में धोरीमन्ना अस्पताल के चिकित्सकों व स्टाफ की लापरवाही है. उनके खिलाफ पुलिस को रिपोर्ट देकर कानून कारवाई करने की मांग की गई है. धोरीमन्ना थानाधिकारी बगडूराम मय पुलिस टीम के बाड़मेर पहुंचे. पुलिस के अनुसार इस मामले में परिजनों की रिपोर्ट मिलने के बाद मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम सहित अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.