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हौसले को सलाम! 5 साल की उम्र में दोनों हाथ गंवाए, लेकिन हिम्मत नहीं, अब IAS बनना है पायल का सपना - INSPIRING STORY

पढ़िए कैसे 5 साल की उम्र में दोनों हाथ खोने के बाद भी पायल ने हिम्मत नहीं हारी. अब उनका सपना है आईएएस बनने का...

10वीं की छात्रा पायल
10वीं की छात्रा पायल (ETV Bharat behror)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 23, 2025, 2:10 PM IST

Updated : Feb 23, 2025, 2:20 PM IST

बहरोड : 'हिम्मत ए मर्दा मददे खुदा', यानी जो लोग हिम्मत रखते हैं, उनकी भगवान खुद सहायता करता है. इस कहावत को मुंडावर की पायल ने चरितार्थ कर दिखाया है. पायल ने 5 साल की उम्र में ही अपने दोनों हाथ एक हादसे में गंवा दिए थे. कम उम्र में इतने बड़े हादसे से गुजरने के बाद भी पायल ने हिम्मत नहीं हारी. वो अपने पैरों की सहायता से सारे काम करती हैं. पायल का सपना है कि वो एक दिन IAS अधिकारी बनें.

10 साल पहले एक हादसे ने बदला जीवन : पायल की दादी ने बताया कि जब वो 5 साल की थी वो अपनी बहन के साथ खेत मे खेल रही थी. पायल को नहीं पता था कि वहां बिजली की लाइन टूटकर नीचे गिरी हुई है. उसने बॉल के साथ बिजली के तार को पकड़ लिया और वो करंट की चपेट में आ गई. इससे पायल गंभीर रूप से घायल हो गई थी. पायल को जयपुर लेकर गए, जहां डॉक्टर्स ने ऑपरेशन किया और उसके दोनों हाथ काटने पड़े.

पायल की कहानी (ETV Bharat behror)

पढ़ें. बिना हाथों के परसाराम क्रिकेट के मैदान में लगा रहे चौके-छक्के, जज्बा देख हो जाएंगे हैरान

दादी से मांगी कॉपी कहा- करूंगी होमवर्क : हादसे में पायल के दोनों हाथ काटने के बाद पायल को उसके परिवार के लोग डेढ़ महीने बाद घर ले आए. इसी दौरान पायल ने अपनी दादी से कॉपी और पेन मांग लिया और कहा कि वो स्कूल का होमवर्क करेगी. बच्ची की इतनी बात सुनते ही पायल की दादी के आंखों में आसूं आ गए. पायल की जिद के आगे उसके नाना ने उसे कॉपी और पेन लाकर दे दिया. इसके बाद पायल ने अपने पैरों से लिखना शुरू किया. कुछ समय तक तो उसको परेशानी आई, लेकिन इसके बाद पायल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज वो 10वीं क्लास में पढ़ाई कर रही हैं.

साइकिल चलाती पायल
साइकिल चलाती पायल (ETV Bharat behror)

नहीं होती कोई परेशानी : ETV भारत से बातचीत में पायल ने बताया कि दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन उसे कोई परेशानी नहीं होती है. वो अपना पूरा काम खुद ही कर लेती हैं. सुबह से लेकर शाम तक कोई दिक्कत नहीं होती है. पैरों से खाना खाती हैं. कपड़े भी खुद ही पहनती हैं. यही नहीं वो साइकिल भी चला लेती हैं. उन्होंने बताया कि घर के लोगों के साथ ही स्कूल में भी सभी उसे सपोर्ट करते हैं.

पैरों से लिखती है पायल
पैरों से लिखती है पायल (ETV Bharat behror)

पढ़ें. दोनों पैर खोए तो मां ने दी हिम्मत, अब राहुल नेशनल पैरा गेम्स में लेंगे हिस्सा, जुगाड़ के धनुष से साध रहे निशाना

आईएस बनना जिंदगी का मकसद : पायल ने बड़े ही फक्र से कहा कि वो पढ़-लिखकर आईएस बनना चाहती है. वहीं, पायल के पिता धर्मवीर ने बताया कि बेटी के साथ यह हादसा 2015 में हुआ था. इसके बाद परिवार सदमे में आ गया था. बेटी जल्द से जल्द ठीक हो यही चाहते थे, लेकिन हमारे हाथ में कुछ नहीं था. बेटी पायल ने भी काफी हिम्मत दिखाई. वो पीछे नहीं हटी और आज उसकी मेहनत पर सभी को गर्व है. उम्मीद है कि उसका आईएस बनने का सपना पूरा हो.

पैरों से खाती हैं खाना
पैरों से खाती हैं खाना (ETV Bharat behror)

बहरोड : 'हिम्मत ए मर्दा मददे खुदा', यानी जो लोग हिम्मत रखते हैं, उनकी भगवान खुद सहायता करता है. इस कहावत को मुंडावर की पायल ने चरितार्थ कर दिखाया है. पायल ने 5 साल की उम्र में ही अपने दोनों हाथ एक हादसे में गंवा दिए थे. कम उम्र में इतने बड़े हादसे से गुजरने के बाद भी पायल ने हिम्मत नहीं हारी. वो अपने पैरों की सहायता से सारे काम करती हैं. पायल का सपना है कि वो एक दिन IAS अधिकारी बनें.

10 साल पहले एक हादसे ने बदला जीवन : पायल की दादी ने बताया कि जब वो 5 साल की थी वो अपनी बहन के साथ खेत मे खेल रही थी. पायल को नहीं पता था कि वहां बिजली की लाइन टूटकर नीचे गिरी हुई है. उसने बॉल के साथ बिजली के तार को पकड़ लिया और वो करंट की चपेट में आ गई. इससे पायल गंभीर रूप से घायल हो गई थी. पायल को जयपुर लेकर गए, जहां डॉक्टर्स ने ऑपरेशन किया और उसके दोनों हाथ काटने पड़े.

पायल की कहानी (ETV Bharat behror)

पढ़ें. बिना हाथों के परसाराम क्रिकेट के मैदान में लगा रहे चौके-छक्के, जज्बा देख हो जाएंगे हैरान

दादी से मांगी कॉपी कहा- करूंगी होमवर्क : हादसे में पायल के दोनों हाथ काटने के बाद पायल को उसके परिवार के लोग डेढ़ महीने बाद घर ले आए. इसी दौरान पायल ने अपनी दादी से कॉपी और पेन मांग लिया और कहा कि वो स्कूल का होमवर्क करेगी. बच्ची की इतनी बात सुनते ही पायल की दादी के आंखों में आसूं आ गए. पायल की जिद के आगे उसके नाना ने उसे कॉपी और पेन लाकर दे दिया. इसके बाद पायल ने अपने पैरों से लिखना शुरू किया. कुछ समय तक तो उसको परेशानी आई, लेकिन इसके बाद पायल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज वो 10वीं क्लास में पढ़ाई कर रही हैं.

साइकिल चलाती पायल
साइकिल चलाती पायल (ETV Bharat behror)

नहीं होती कोई परेशानी : ETV भारत से बातचीत में पायल ने बताया कि दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन उसे कोई परेशानी नहीं होती है. वो अपना पूरा काम खुद ही कर लेती हैं. सुबह से लेकर शाम तक कोई दिक्कत नहीं होती है. पैरों से खाना खाती हैं. कपड़े भी खुद ही पहनती हैं. यही नहीं वो साइकिल भी चला लेती हैं. उन्होंने बताया कि घर के लोगों के साथ ही स्कूल में भी सभी उसे सपोर्ट करते हैं.

पैरों से लिखती है पायल
पैरों से लिखती है पायल (ETV Bharat behror)

पढ़ें. दोनों पैर खोए तो मां ने दी हिम्मत, अब राहुल नेशनल पैरा गेम्स में लेंगे हिस्सा, जुगाड़ के धनुष से साध रहे निशाना

आईएस बनना जिंदगी का मकसद : पायल ने बड़े ही फक्र से कहा कि वो पढ़-लिखकर आईएस बनना चाहती है. वहीं, पायल के पिता धर्मवीर ने बताया कि बेटी के साथ यह हादसा 2015 में हुआ था. इसके बाद परिवार सदमे में आ गया था. बेटी जल्द से जल्द ठीक हो यही चाहते थे, लेकिन हमारे हाथ में कुछ नहीं था. बेटी पायल ने भी काफी हिम्मत दिखाई. वो पीछे नहीं हटी और आज उसकी मेहनत पर सभी को गर्व है. उम्मीद है कि उसका आईएस बनने का सपना पूरा हो.

पैरों से खाती हैं खाना
पैरों से खाती हैं खाना (ETV Bharat behror)
Last Updated : Feb 23, 2025, 2:20 PM IST
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