रांची: सदन में आज आचरण और मर्यादा को लेकर जमकर बहस हुई. प्रश्नकाल शुरू होते ही व्यवस्था के तहत कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सवाल उठाया कि अनुपूरक बजट पर चर्चा के वक्त नेता प्रतिपक्ष का यह कहना कि स्पीकर सरकार के प्रवक्ता बन गए हैं, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. पूर्व में भी खुद को अनुसूचित जाति समाज की बात कहकर स्पीकर की कार्रवाई पर सवाल उठा चुके हैं.
विधायक प्रदीप यादव के इतना कहते ही सदन में बहस शुरू हो गई. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम सब ने मिलकर आपको आसन पर बिठाया था. कोई बात व्यथीत करेगी तो किससे कहेंगे. उन्होंने कहा कि "यह भगवान का पद नहीं है कि कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता". मैंने बाबा साहेब के संविधान के तहत मर्यादा के साथ बात रखी है. किसी के भय के कारण अपनी बातों को बोलना नहीं छोड़ सकता. कांग्रेस ने सबको प्रताड़ित किया है.
चौकीदार की बहाली में एससी आरक्षण शून्य कर दिया
इसमें हस्तक्षेप करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा था कि नेता प्रतिपक्ष ने आसन की ओर उंगली दिखाई थी. इस पर स्पीकर ने सवाल उठाया था. इनको बताना चाहिए कि 146 सांसदों को लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने निलंबित किया था, जबकि यहां नेता प्रतिपक्ष कह रहे हैं कि आपको जो करना है कर लें. इनको माफी मांगनी चाहिए.
इस पर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि प्रदीप यादव विशेषाधिकार की बात कर रहे हैं. उनको मालूम होना चाहिए कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक नहीं लग सकता. यह सही है कि आसान सर्वोच्च होता है लेकिन जब विधायक को तकलीफ होगी तो वह बोलेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जिसका नेता लोकसभा में कनखी मारता है, उसके विधायक आचरण सीखा रहे हैं.