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VIDEO: स्पीकर के अवमानना पर सदन में तीखी बहस, बाउरी ने कहा- ये भगवान का पद नहीं, प्रदीप ने की कार्रवाई की मांग - Jharkhand Assembly Monsoon

Amar Bauri and Pradeep Yadav. बुधवार को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया. नेता प्रतिपक्ष के बयान को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच जमकर नोकझोंक हुई.

Heated debate in Jharkhand assembly
सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 31, 2024, 2:59 PM IST

रांची: सदन में आज आचरण और मर्यादा को लेकर जमकर बहस हुई. प्रश्नकाल शुरू होते ही व्यवस्था के तहत कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सवाल उठाया कि अनुपूरक बजट पर चर्चा के वक्त नेता प्रतिपक्ष का यह कहना कि स्पीकर सरकार के प्रवक्ता बन गए हैं, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. पूर्व में भी खुद को अनुसूचित जाति समाज की बात कहकर स्पीकर की कार्रवाई पर सवाल उठा चुके हैं.

विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस (ईटीवी भारत)

विधायक प्रदीप यादव के इतना कहते ही सदन में बहस शुरू हो गई. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम सब ने मिलकर आपको आसन पर बिठाया था. कोई बात व्यथीत करेगी तो किससे कहेंगे. उन्होंने कहा कि "यह भगवान का पद नहीं है कि कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता". मैंने बाबा साहेब के संविधान के तहत मर्यादा के साथ बात रखी है. किसी के भय के कारण अपनी बातों को बोलना नहीं छोड़ सकता. कांग्रेस ने सबको प्रताड़ित किया है.

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इसमें हस्तक्षेप करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा था कि नेता प्रतिपक्ष ने आसन की ओर उंगली दिखाई थी. इस पर स्पीकर ने सवाल उठाया था. इनको बताना चाहिए कि 146 सांसदों को लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने निलंबित किया था, जबकि यहां नेता प्रतिपक्ष कह रहे हैं कि आपको जो करना है कर लें. इनको माफी मांगनी चाहिए.

इस पर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि प्रदीप यादव विशेषाधिकार की बात कर रहे हैं. उनको मालूम होना चाहिए कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक नहीं लग सकता. यह सही है कि आसान सर्वोच्च होता है लेकिन जब विधायक को तकलीफ होगी तो वह बोलेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जिसका नेता लोकसभा में कनखी मारता है, उसके विधायक आचरण सीखा रहे हैं.

इस पर स्पीकर ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को है. लेकिन मर्यादा का भी ख्याल रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि कल कल्पना सोरेन अपना पहला स्पीच दे रही थीं. उनके स्पीच में बाधा डाला गया. यह उचित नहीं था. इस पर भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि आज सत्ता पक्ष में बैठे लोगों को 2014 से 2019 के बीच के कार्यकाल को याद करना चाहिए.

उस वक्त आदिवासी समाज के ही स्पीकर थे. तब झामुमो, कांग्रेस के लोगों ने सदन में जूता तक चलाया था. स्प्रे किया था. कुर्सी तोड़ा गया था. उस समय प्रदीप यादव कहां थे. आचरण और मर्यादा को लेकर काफी देर तक खींचतान चलती रही. इस बीच प्रदीप यादव ने कहा कि कांग्रेस ना होती तो देश मनुस्मृति से चलता. अंत में स्पीकर में हस्तक्षेप करते हुए मामले को विराम दिया और प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की.


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