जौनपुर: देश में अब तमाम मस्जिदों पर हिंदू पक्षकारों ने अपना अपना दावा ठोकना शुरू कर दिया है. अयोध्या, काशी, मथुरा और संभल के बाद अब जौनपुर के अटाला मस्जिद को अब मंदिर होने का दावा किया गया है. स्वराज वाहिनी एसोसिएशन ने जिला कोर्ट में याचिका दाखिल किया है.
इस याचिका को मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में 9 दिसंबर को सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान मस्जिद की जगह मंदिर होने का दावा करने वाले स्वराज वाहिनी एसोसिएशन को अपना जवाब दाखिल करना होगा.
हिंदू और मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता की प्रतिक्रिया. (Video Credit; ETV Bharat) स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा ने इसी साल जिला कोर्ट में याचिका दाखिल कर यह दावा किया था कि जौनपुर की अटाला मस्जिद को मंदिर को तोड़कर बनाया गया है. जिस जगह मस्जिद है, वहां पहले अटला देवी का मंदिर था. इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा विजय चंद्र ने कराया था. इसलिए यहां पूजा अर्चना का अधिकार दिए जाने की मांग की गई थी. इस याचिका के विरोध में अटाला मस्जिद के वक्फ की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका को दाखिल की गई है. मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में होगी.
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता राम सिंह ने बताया कि जिले के नगर क्षेत्र स्थित शाही अटाला मस्जिद के वक्फ की इस याचिका में जौनपुर के जिला जज द्वारा पुनरीक्षण अर्जी पर दिए गए आदेश को चुनौती दी गई है. जौनपुर जिला जज ने 12 अगस्त 2024 को अपने फैसले में कहा था कि स्वराज वाहिनी एसोसिएशन का मुकदमा चलता रहेगा. मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता दिनेश सिंह का कहना है कि कि कुछ ऑनलाइन दस्तावेज के आधार पर मुकदमा किया गया है. जबकि मस्जिद होने के सारे दस्तावेज मौजूद हैं.
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