रांची: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 23 फरवरी से शुरु होने जा रहे बजट सत्र की कार्यवाही में शामिल हो पाएंगे या नहीं, इसपर पीएमएलए की विशेष अदालत कल फैसला सुनाएगी. हेमंत सोरेन की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने दलील पेश की.
उन्होंने कहा कि 23 फरवरी से बजट सत्र शुरु हो रहा है. यह सत्र 2 मार्च तक चलेगा. इसी दौरान 27 फरवरी को चंपई सोरेन सरकार के वित्त मंत्री वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगे. अधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि बजट सत्र के दौरान मनी बिल पास कराना पड़ता है. इसके लिए बहुमत की जरुरत होती है. लिहाजा, हेमंत सोरेन की उपस्थिति जरुरी है.
वहीं, ईडी की ओर से जोहैब हुसैन वर्जुअल जुड़े थे. उन्होंने कहा कि जब कोई न्यायिक हिरासत में रहता है तो संवैधानिक अधिकार सस्पेंडेड मोड में रहता है. इसलिए हेमंत सोरेन को सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाना चाहिए. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद विशेष अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. कोर्ट कल यानी 22 फरवरी को फैसला सुनाएगी. लिहाजा, कल यह साफ हो जाएगा कि हेमंत सोरेन बजट सत्र की कार्यवाही में शामिल हो पाएंगे या नहीं.
दरअसल, लैंड स्कैम मामले में ईडी की टीम ने 31 जनवरी की शाम मुख्यमंत्री रहते हेमंत सोरेन को हिरासत में लिया था. उनसे 13 दिन तक लगातार पूछताछ भी की गई थी. इसी दौरान बहुमत साबित करने के लिए चंपई सोरेन सरकार ने 5 फरवरी को दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया था. कोर्ट से परमिशन के बाद हेमंत सोरेन भी विशेष सत्र में शामिल हुए थे. तब चंपई सरकार के पक्ष में 47 और विपक्ष में 29 वोट पड़े थे. इस दौरान हेमंत सोरेन ने सदन में कहा था कि मैं भाजपा को मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप साबित करने की चुनौती देता हूं. अगर आरोप साबित हो गया तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. उन्होंने यहां तक कहा था कि सिर्फ राजनीति ही नहीं बल्कि झारखंड भी छोड़ दूंगा. अपने भाषण के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और राज्यपाल के साथ-साथ भाजपा पर जमकर हमला बोला था.