नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सितारगंज किसान सहकारी चीनी मिल और उसकी 86 एकड़ भूमि को 100 रुपये के स्टांप पर निजी हाथों में सौंपने के मामले में प्रदेश सरकार और अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है. दरअसल सितारगंज के गन्ना उत्पादक राजेन्द्र सिंह और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में आज सुनवाई हुई.
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि अस्सी के दशक में सहकारी समिति अधिनियम, 1965 के तहत सितारगंज, बरेली और पीलीभीत के किसानों की ओर सितारगंज किसान सहकारी समिति का गठन किया गया और उसके तहत सितारगंज चीनी मिल का संचालन किया जाने लगा. साल 2017 में प्रदेश के गन्ना विकास सचिव की ओर से मनमाना कदम उठाते हुए चीनी मिल को बंद करने के आदेश जारी किए गए. सरकार की ओर से इसके लिये किसान सहकारी समिति की अनुमति नहीं ली गई.