नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जोशीमठ में हो रहे लगातार भू-धंसाव को लेकर अल्मोड़ा निवासी पीसी तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमुर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने की है. आज याचिकाकर्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि कोर्ट ने पूर्व में कहा था कि एनटीपीसी जोशीमठ में ब्लास्टिंग व टनल निर्माण की समस्या को लेकर एनडीएमए के यहां अपना पक्ष रखे और एनडीएमए उस समस्या पर सुनवाई करके अपना सुझाव राज्य सरकार को दे, लेकिन अभी तक उस पर सुनवाई पूरी नहीं हुई और न ही कोई रिपोर्ट एनडीएमए ने राज्य सरकार को दी, जबकि यह अति संवेदनशील मामला है.
10 जून को मामले की होगी अगली सुनवाई:जोशीमठ में ब्लास्टिंग करने की वजह से करीब 600 घरों में दरारें पड़ चुकी हैं. पूर्व में एनटीपीसी की तरफ से प्रार्थनापत्र देकर यह भी कहा गया था कि उन्हें जोशीमठ में निर्माण कार्य और ब्लास्ट करने की अनुमति दी जाए, क्योंकि उनकी परियोजना जोशीमठ से 15 किलोमीटर दूर है. इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा था कि इनकी परियोजना 1.5 किलोमीटर दूरी पर है, इसलिए इन्हें ब्लास्ट की अनुमति नहीं दी जा सकती. जिस पर कोर्ट ने दोनों से एनडीएमए के पास अपना पक्ष रखने को कहा था. जिसमे अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है. दोनों पक्षों को सुनने और मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई 10 जून की तारीख निर्धारित की है.