ऑब्स्ट्रक्टिव स्लिप एपनिया रोग के बचाव और लक्षण अजमेर. मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद लेना आवश्यक है. नींद पूरी नहीं होने पर शरीर पर मानसिक और शारीरिक गंभीर प्रभाव पड़ते हैं. नींद में अवरोध होने से कई गम्भीर बीमारियां भी हो सकती है. इनमें प्रमुख रोग ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओसीए ) है. यदि आपकी भी नींद रात को बार-बार टूटती है और दिन में नींद की झपकियां आती है तो सावधान हो जाए. यह संकेत आपके स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है. इसको हल्के में लेना मतलब घातक बीमारियों को निमंत्रण देना है.
अजमेर के कमला नेहरू टीबी अस्पताल में प्रभारी एवं श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. रमाकांत दीक्षित से जानते हैं ओसीए के कारण, लक्षण, रिस्क फैक्टर और उपचार के बारे में हेल्थ टिप्स. गुणवत्ता पूर्ण नींद हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है लेकिन जब नींद में अवरोध आने लगे तो कई तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियां जन्म लेने लगती है. ऐसे ही एक प्रकार का रोग ऑब्स्ट्रक्टिव स्लिप एपनिया (ओसीए) है.
श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. रमाकांत दीक्षित ने बताया कि ओसीए के कई कारण हो सकते है. मतलब नींद के दौरान स्वास्थ्य तंत्र का ऊपरी भाग का सिकुड़ना है. इस कारण ऑक्सीजन का प्रवाह कम होने लगता है. फेफड़ों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती. साथ ही दिमाग को भी ऑक्सीजन नहीं मिलने से नींद टूट जाती है. रात में नींद का बार-बार टूटने से अगले दिन सुबह सिर दर्द रहता है. डॉ. दीक्षित बताते हैं कि देश में ढाई से 5 प्रतिशत पुरुषों और एक से दो प्रतिशत महिलाओं में ओसीए रोग है.
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ओसीए के कारण हो सकते है ये गंभीर रोग : शरीर में थकान और सुस्ती रहने लगती है. नींद की झपकी आने लगती है. इस कारण शुगर लेवल बढ़ जाता है और ब्लड प्रेशर और अनियंत्रित होने लगता है. गुर्दे संबंधी समस्या, अवसाद, नपुंसकता, चिडचिड़ापन, एंजायटी का बढ़ना, शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा कम होना, साइलेंट अटैक आना यहां तक की कैंसर की भी संभावना इससे अधिक रहती है.
रिस्क फैक्टर कम करें तो हो सकता है बचाव :डॉ. दीक्षित बताते हैं कि ओसीए से बचने के लिए रिस्क फैक्टर को कम करना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने बताया कि अधिक वजन वाले व्यक्तियों, थायराइड, ब्लड शुगर, धूम्रपान, मदिरा और अन्य नशा करने वाले व्यक्तियों में रिस्क फैक्टर अधिक होता है. इन रिस्क फैक्टर को नियंत्रित करने पर ही ओसीए से बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति के शारीरिक बनावट के कारण भी ओसीए रोग होने की संभावना रहती है. मसलन व्यक्ति के नीचे के जबड़े का छोटा होना, तालुका की पोजीशन ठीक नहीं होना, जीभ का मोटापन, जबड़े के पीछे का आकार छोटा होना मतलब रिस्क है. इसके अलावा नींद की दवा का अधिक उपयोग, अस्थमा कंट्रोल नहीं होने के कारण भी ओसीए हो सकता है.
ओसीए रोग है गंभीर मगर जागरूकता नहीं :डॉ.दीक्षित ने बताया कि ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओसीए ) को लेकर लोगों में जागरूकता की काफी कमी है. रात को बार-बार नींद टूटना खर्राटे लेना लोगों को सामान्य लगता है लेकिन वह नहीं जानते हैं कि यह असाध्य रोग भी हो सकता है. उन्होंने बताया कि कई बार चिकित्सक भी ओसीए को नहीं भांप पाते हैं. मसलन ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होने, शुगर लेवल बढ़ने या अस्थमा अनियंत्रित होने पर लोग उसका इलाज करवाते हैं लेकिन चिकित्सक को अपनी स्लिप ( नींद ) की हिस्ट्री नहीं बताते हैं और कभी कभार चिकित्सक भी नींद की हिस्ट्री नहीं पूछते हैं. ऐसे में इलाज आरंभ करने से पहले मरीज को अपनी नींद के बारे में चिकित्सक को बताना चाहिए. स्लिप हिस्ट्री जानकर ही मरीज का इलाज शुरू किया जाना चाहिए.
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उन्होंने बताया कि ओसीए के बारे में व्यक्ति को पता नहीं चल पाता है. ऐसे में उसके परिजन, रिश्तेदार और परिचित लोगों को जागरूकता दिखाते हुए लक्षण दिखने पर व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक के पास ले जाकर उपचार लेना चाहिए. आवश्यक नहीं हो तो ओसीए ग्रसित लोगों को लंबी दूरी तक वाहन नहीं चलाना चाहिए. वाहन चलाते वक्त ओसीए ग्रसित व्यक्ति को नींद की झपकी आ सकती है. इस कारण वह सड़क हादसे का शिकार भी हो सकता है.
उपचार के लिए यह जरूरी : डॉ. दीक्षित बताते हैं कि उपचार में सबसे पहले मरीज को रिस्क फैक्टर कम करने चाहिए. यदि शरीर का वजन ज्यादा है तो उसे कम करें. धूम्रपान मदिरा पान और अन्य नशा छोड़ें. थायराइड, शुगर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें. उन्होंने बताया कि ओसीए होने पर मैरिज के स्वास्थ्य तंत्र का ऊपरी भाग सिकुड़ने लगता है. इस कारण श्वास रोकने लगता है. इसलिए मरीज को सीपेप थेरेपी (कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर) दिया जाता है. इसके माध्यम से सीपेप मशीन से हवा मुंह के जरिए दी जाती है, ताकि श्वास अवरुद्ध नहीं हो. यह थेरेपी काफी कारगर है. इसके अलावा संयमित जीवन शैली और संयमित भोजन, हल्का व्यायाम और योग करना भी रोगी के लिए ठीक रहता है.