उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब की शुरुआत, स्वास्थ्य मंत्री ने किया लोकार्पण - Virology Lab in Srinagar

Virology Lab in Srinagar, Srinagar Medical College श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब की शुरुआत हो गई है. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने आज वायरोलॉजी लैब का लोकार्पण किया. वायरोलॉजी लैब के शुरू होने से मरीजों को सैंपल रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

Etv Bharat
श्रीनगर में वायरोलॉजी लैब की शुरुआत (PHOTO- ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 12, 2024, 9:27 PM IST

Updated : Jun 12, 2024, 9:34 PM IST

श्रीनगर में वायरोलॉजी लैब की शुरुआत (ETV BHARAT)

श्रीनगर: वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने वायरोलॉजी लैब की सौगात दी है. तीन करोड़ 60 लाख रूपये की लागत से स्थापित अत्याधुनिक लैब बनने से उन मरीजों को फायदा मिलेगा, जिनके सैंपल जांच के लिए अन्य प्रदेशों को भेजे जाते हैं. अब मेडिकल कॉलेज की लैब में जल्द जांच होने से मरीजों को सैंपल रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. साथ ही लैब स्थापित होने से एमबीबीएस पढ़ाई कर रहे छात्रों को रिसर्च करने में भी सुविधा मिलेगी.

धन सिंह रावत ने बुधवार को वायरोलॉजी लैब का लोकापर्ण कर जनता के लिए चिकित्सकीय सेवा के लिए समर्पित किया. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा मेडिकल कॉलेज गढ़वाल क्षेत्र के साथ ही चारधाम यात्रा का मुख्य स्वास्थ्य केन्द्र है. यहां पर तमाम चिकित्सकीय उपकरण से लेकर स्थाई डॉक्टरों की तैनाती की गई है. यहीं नहीं मेडिकल कॉलेज में आज अत्याधुनिक मशीनें स्थापित कर चिकित्सकीय सेवाओं को बेहतर बनाया जा रहा है. वायरोलॉजी लैब बनने से तमाम जांचें यहां हो पाएंगी. जनता को सैंपल की जांच रिपोर्ट के लिए कई दिनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. यहां की सारी लैब्स को हाईटेक बनाया गया है.

धन सिंह रावत ने कहा मेडिकल कॉलेज अत्याधुनिक संसाधनों के साथ ही सुपर स्पेशलिटी की ओर आगे बढ़ रहा है. कैथ लैब की भी स्थापना हो चुकी है. जल्द कार्डियोलॉजिस्ट की भी तैनाती होने वाली है. कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत एवं माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर विभागाध्यक्ष डॉ. विनिता रावत ने कहा वायरोलॉजी लैब की स्थापना हो जाने से यदि कभी नया वायरस की बीमारी का आउटब्रेक होता है तो वायरस का टाइप व सबटाईप की पहचान व जांच में बहुत आसानी रहेगी.

वायरोलॉजी लैब और फायदे:इसमें वायरस से फैलने वाली सभी बीमारियों, उनको कंट्रोल करने के तरीके, उनका रेजिस्टेंट तथा किन दवाओं का उन पर असर होता है, आदि पर रिसर्च की जाती है. इससे उनका डायग्नोसिस करने में मदद मिलती है. ऐसी नई बीमारियों के वायरस पर भी रिसर्च की जाती है, जिनकी दवा फिलहाल उपलब्ध नहीं है. उक्त लैब बनने से अब स्वाइन फ्लू, डेंगू, इन्फ्लूएंजा, बर्ड फ्लू, इबोला, रैबीज वायरस, एचआईवी, रोटा वायरस, चिकनगुनिया सहित ऐसी तमाम जांचों के लिए पूणे, भोपाल या दिल्ली के लैब पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा. अस्पताल में इस तरह के वायरस के केस आने पर मरीज के सैंपल लेने पर अन्य प्रदेशों के लैबों को भेजे जाते थे, जिससे रिपोर्ट के लिए मरीजों को तीन दिन से तीस दिन का इंतजार करना पड़ता था. सैंपल कलेक्ट करने और उसे सुरक्षित कर बाहर भेजने में सैंपल खराब होने का खतरा भी रहता था.

पढे़ं-उत्तराखंड में पार्किंग परियोजनाओं पर जोर, राज्य में पहली बार बनेंगी 10 टनल, 9 ऑटोमेटेड पार्किंग - Parking project in Uttarakhand

Last Updated : Jun 12, 2024, 9:34 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details