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त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों के खिलाफ चलेगा अभियान, इन जिलों पर रहेगा विशेष फोकस

खाद्य सुरक्षा उपायुक्त के नेतृत्व में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में मिलावटखोरों के खिलाफ सघन अभियान चलाया जाएएगा.

CAMPAIGN AGAINST ADULTERATORS
त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों के खिलाफ चलेगा अभियान (PHOTO-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 5 hours ago

देहरादूनः त्योहारी सीजन के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चलाने जा रहा है. इसके लिए विभागीय स्तर पर टीमें गठित की जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मंगलवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक की.

बैठक के दौरान मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि त्योहारी सीजन को देखते हुए खाद्य सुरक्षा उपायुक्त के नेतृत्व में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में मिलावटखोरों के खिलाफ सघन अभियान चलाया जाए. साथ ही अगले 10 दिनों तक सभी जिलों में खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाए. इसके लिए टीम गठित कर अधिक से अधिक सैंपलिंग करने को कहा गया है, ताकि बाजार में मिलावटी खाद्य पदार्थों को पहुंचने से रोका जा सके.

मंत्री रावत ने कहा कि इस अभियान के तहत खासकर देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले पर विशेष फोकस किया जाए. जिसकी मॉनिटरिंग हर दिन निदेशालय स्तर पर की जाए. विभागीय मंत्री ने कहा कि सीमावर्ती राज्यों से अवैध रूप से बड़ी मात्रा में नकली खाद्य पदार्थों और दुग्ध उत्पादों की सप्लाई को रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस के साथ सघन चेकिंग अभियान चलाकर नकली उत्पादों को नष्ट किया जाए.

इसके साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि मिलावटी खाद्य पदार्थों के प्रति लोगों को सचेत करने के लिए प्रदेशभर में वृहद स्तर पर जनजागरूता अभियान चलाए. इसके अलावा मंत्री ने बैठक के दौरान ईट राइट इंडिया कैंपेन (EAT RIGHT INDIA CAMPAIGN) को प्रदेश में प्रभावी रूप से लागू करने और इस अभियान से राजकीय विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों को भी जोड़ने के निर्देश दिए.

वहीं, बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मिलावटखोरों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा हैं. जिसके तहत अप्रैल 2024 से सितंबर 2024 तक 696 सैंपल एकत्र किए गए, जिनमें से 50 सैंपल मानकों के विपरीत पाए गए. इसके साथ ही विभाग ने इस दौरान 1690 सर्विलांस सैंपल इकट्ठा किए, जिनमें से 7 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे. जिनके खिलाफ तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. इसके साथ ही तमाम न्यायालयों में दायर मामलों के निस्ताराण के बाद विभाग ने करीब 25,37,500 रुपए की रिकवरी भी की.

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