दौसा.उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा उर्फ नारायण हरि के सत्संग में मची भगदड़ में सैकड़ों लोगों की जान चली गई. घटना के बाद से ही बाबा नारायण हरि चर्चा में हैं, लेकिन अब बाबा का राजस्थान कनेक्शन सामने आया है और इसके तार दौसा जिला निवासी पेपर लीक माफिया हर्षवर्धन पटवारी से जुड़ा है. दरअसल, भोले बाबा उर्फ नारायण हरि दौसा जिले से गुजर रहे नेशनल हाइवे 21 पर स्थित गोविंद देवजी मंदिर के ठीक सामने एक कॉलोनी में पेपर लीक मामले में एसओजी की गिरफ्त में आए आरोपी हर्षवर्धन मीणा के घर पर दरबार लगाता था. ऐसे में अब पेपर लीक मामले के आरोपी हर्षवर्धन मीणा के घर पर मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है. एसओजी की गिरफ्त में आया आरोपी हर्षवर्धन यहीं से पेपर लीक का पूरा नेटवर्क चलता था.
वहीं, इस आश्रम में भोले बाबा उर्फ नारायण हरि दरबार लगाता था, जिसमें देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में उसके अनुयायी प्रवचन सुनने के लिए आया करते थे. एसओजी के एडिशनल एसपी नरेंद्र मीणा ने बताया कि पेपर लीक के मामले में एसओजी को बाबा के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन एसओजी की कार्रवाई से पहले ही बाबा यहां से फरार हो गया था. फिलहाल एसओजी ने दौसा स्थित बाबा के आश्रम को सीज कर दिया है.
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आश्रम में मिले अनुयायियों के प्रमाणपत्र और हर्षवर्धन के कार्ड :हर्षवर्धन के घर पर ही बाबा का दरबार लगाता था, जिसे आश्रम में तब्दील किया गया था. मौके पर बड़ी संख्या में बाबा के अनुयायियों के दस्तावेज मिले, जिसमें बाबा के सेवादारों ने अनुयायियों का रजिस्ट्रेशन किया हुआ था. साथ ही आश्रम में पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन के विधानसभा चुनाव में लगी ड्यूटी के आईकार्ड भी बरामद हुए.
अनुयायियों ने बाबा पर लगे आरोप को बताया गलत : वहीं, स्थानीय लोगों से बात की तो उनके पृथक मत सामने आए. कुछ लोगों ने भोले बाबा के प्रति गुस्सा जाहिर किया तो कुछ लोगों ने कहा कि बाबा बहुत अच्छे इंसान हैं. दरबार में वो अपने अनुयायियों को सिर्फ जनकल्याण के कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं. उनका कहना था कि बाबा कभी अपने अनुयायियों को उनके पीछे भागने के लिए नहीं कहते हैं. वहीं, भोले बाबा पर लगे आरोपों को भी गलत करार दिया.