चंडीगढ़:हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जहां सभी दलों का प्रचार अभियान चरम पर पहुंचता जा रहा है, वहीं इन सबके बीच कुमारी शैलजा चुनाव के बीच राजनीति का बड़ा मुद्दा बनती जा रही हैं. दरअसल, कांग्रेस की लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा प्रचार अभियान से दूर दिखाई दे रही हैं. कई दिनों से वे किसी भी चुनावी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई हैं. अंबाला, हिसार हो या सिरसा यहां के किसी चुनावी कार्यक्रम में कुमारी शैलजा शामिल नहीं हुई हैं. माना जा रहा है कि वे टिकट वितरण से नाराज हैं.
क्यों खफा है कुमारी शैलजा? : सूत्र बताते हैं कि शैलजा उनके करीबियों को टिकट न मिलने से नाराज है. क्योंकि कांग्रेस की सूची में हुड्डा खेमे के 90 फीसद के करीब उम्मीदवार मैदान में है. माना जा रहा है, इसी के चलते कुमारी शैलजा खुद को उपेक्षित महसूस कर रही हैं. हालांकि खुद अभी तक उनका इस संबंध में बयान भी मीडिया में नहीं आया है. जब कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं. तो ऐसे में विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हो गया है. कुमारी शैलजा की इस अनदेखी को लेकर बीजेपी हो या फिर बीएसपी और एएसपी तमाम दलों के नेता इस मुद्दे को अब चुनावी माहौल में भुनाने में जुट गए हैं. सभी के निशाने पर कांग्रेस पार्टी आ गई है.
शैलजा की नाराजगी पर बोले मनोहर लाल: इस मुद्दे पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि इनके घर के विवाद जगजाहिर हो चुके हैं. कुमारी शैलजा चुनाव प्रचार में जाती है या नहीं यह उन पर निर्भर करता है. लेकिन मैं उनकी तकलीफ समझ सकता हूं, वह तकलीफ हरियाणा के अनुसूचित जाति के हर व्यक्ति की है. उनको जो तकलीफ दी है, उसका खमियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा.'
'शैलजा का अपमान निंदनीय': इधर बीएसपी के नेता आकाश आनंद कहते हैं कि कुमारी शैलजा हरियाणा की बड़ी दलित नेता है और उन्होंने पूरा जीवन पार्टी के लिए समर्पित किया है. लेकिन बदले में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें क्या दिया. कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ उन्हें गालियां दिए हैं. जातिगत टिप्पणियां किए हैं. वे तो यहां तक कह रहे हैं कि हम कुमारी शैलजा के साथ खड़े हैं. वह अगर बीएसपी में आती है, तो हम उनको पूरा सम्मान देंगे.