रायपुर: भारत कृषि प्रधान देश के नाम से जाना जाता है. ठीक इसी तरह छत्तीसगढ़ भी कृषि प्रदेश के नाम से जाना जाता है. श्रावण महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या यानी हरेली तिहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. हरेली तिहार के दिन किसान अपने कृषि से संबंधित उपकरणों की पूजा-पाठ करने के साथ ही अपने पशुधन की भी पूजा करते हैं. हरेली के दिन प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाकर इस पर्व को मनाते हैं. इसके साथ ही आज के दिन ग्रामीण इलाकों में बांस से बनी गेड़ी चढ़ने की भी प्रथा और परंपरा है. इस तरह के कई कारण हैं, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार खास माना जाता है.
हरेली के दिन उत्सव मनाते हैं छत्तीसगढ़ी :इस बारे में ईटीवी भारत ने ज्योतिष पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से बातचीत की. उन्होंने बताया, "हरियाली अमावस्या का यह त्यौहार छत्तीसगढ़ नहीं बल्कि पूरे संसार में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. हरियाली अमावस्या श्रावण महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. छत्तीसगढ़ पूरी तरह से 100 फीसद कृषि प्रधान क्षेत्र हैं. छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए सावन का महीना रिमझिम त्योहारों के बीच प्रकृति में हरियाली ही नजर आती है. किसानों का प्रदेश होने के कारण लोग इस हरीतिमा को उत्सव के रूप में मनाते हैं."