छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

जीवन में हरियाली और खुशियों का प्रतीक हरेली तिहार, छत्तीसगढ़ में इस दिन से शुरू होता है पर्वों का सिलसिला - Hareli Tihar in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन खेती-किसानी से संबंधित चीजों की पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन विशेष छत्तीसगढ़ी पकवान बनाए जाते हैं.

Hareli Tihar in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 3, 2024, 7:02 PM IST

Updated : Aug 4, 2024, 7:40 AM IST

हरेली तिहार (ETV Bharat)

रायपुर: भारत कृषि प्रधान देश के नाम से जाना जाता है. ठीक इसी तरह छत्तीसगढ़ भी कृषि प्रदेश के नाम से जाना जाता है. श्रावण महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या यानी हरेली तिहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. हरेली तिहार के दिन किसान अपने कृषि से संबंधित उपकरणों की पूजा-पाठ करने के साथ ही अपने पशुधन की भी पूजा करते हैं. हरेली के दिन प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाकर इस पर्व को मनाते हैं. इसके साथ ही आज के दिन ग्रामीण इलाकों में बांस से बनी गेड़ी चढ़ने की भी प्रथा और परंपरा है. इस तरह के कई कारण हैं, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार खास माना जाता है.

हरेली के दिन उत्सव मनाते हैं छत्तीसगढ़ी :इस बारे में ईटीवी भारत ने ज्योतिष पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से बातचीत की. उन्होंने बताया, "हरियाली अमावस्या का यह त्यौहार छत्तीसगढ़ नहीं बल्कि पूरे संसार में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. हरियाली अमावस्या श्रावण महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. छत्तीसगढ़ पूरी तरह से 100 फीसद कृषि प्रधान क्षेत्र हैं. छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए सावन का महीना रिमझिम त्योहारों के बीच प्रकृति में हरियाली ही नजर आती है. किसानों का प्रदेश होने के कारण लोग इस हरीतिमा को उत्सव के रूप में मनाते हैं."

हरेली तिहार 2024 (ETV Bharat)

जानिए हरेली पूजा का शुभ मुहूर्त: अमावस्या तिथि 3 अगस्त को दोपहर 3:50 से शुरू हो रही है. ये 4 अगस्त रविवार के दिन 4:42 बजे खत्म होगी. पूजा का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 से लेकर 12:54 तक है. इस समय अवधि में प्रदेश के किसान अपने पशुधन और कृषि से संबंधित औजार और उपकरणों की पूजा पाठ करेंगे.

जानिए क्या होता है हरेली के दिन:

  • हरेली तिहार के दिन बॉस से बनी गेड़ी बनाकर उस पर चढ़ने की प्रथा है.
  • बारिश के दिनों में छत्तीसगढ़ में कीचड़ को लद्दी बोला जाता है.
  • ग्रामीण इलाके के लोग हरेली तिहार को उत्सव के रूप में मनाते थे.
  • इस दौरान लोग गेड़ी चढ़ते थे.
  • आगे चलकर यही गेड़ी चढ़ने और भौरा खेलने की परंपरा बन गई.
  • हरेली त्यौहार में ग्रामीण इलाकों में छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाए जाते हैं.
  • इस दिन खास तौर पर ठेठरी, खुरमी, पीडिया, गुलगुला, भजिया जैसे पकवान बनाए जाते हैं.
  • इस तिहार को खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में मनाया जाता है.
  • हरेली के दिन टोटका के तौर पर लोग खेत और घरों में नीम की पत्तियां लगाते है.

नोट: इस खबर में प्रकाशित बातें पंडित जी द्वारा कही गई बातें हैं. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.

हरेली तिहार को लेकर हसदेव के जंगलों की रक्षा का संदेश, स्टील सिटी भिलाई में निकली हरेली रैली - Message to protect Hasdeo forests
District Level Hareli Tihar: दुर्ग में जिला स्तरीय हरेली तिहार में गेड़ी दौड़ के साथ ही कबड्डी और मटका दौड़
Chhattisgarhia Olympics 2023 : मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ
Last Updated : Aug 4, 2024, 7:40 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details