गयाः बिहार के गया में हर घर गंगाजल योजना पूरे तौर से धरातल पर नहीं उतर पायी. सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक था. 'हर घर गंगा जल' से गया शहरी के 70 हजार और बोधगया के 5 से 6 हजार घरों में जलापूर्ति की योजना थी, लेकिन उद्घाटन के बाद से यह योजना धरातल पर नहीं उतर पायी. ईटीवी भारत ने जब इस योजना का पड़ताल किया तो खुलासा हुआ कि शहर की बड़ी आबादी हर घर गंगा जल की योजना से वंंचित है.
सरकारी दावा फेलः गया शहर के कई क्षेत्रों में हर घर गंगा जल नहीं पहुंचा है. सरकारी दावा है कि हर घर गंगा जल की सप्लाई शुरू की गई है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. गया की तरह बोधगया में भी हर घर गंगा जल देने की योजना थी, लेकिन यहां भी कुछ इसी तरह की स्थिति है. हालांकि कुछ स्थानों पर लोगों ने बताया कि उन्हें हर घर गंगा जल का लाभ मिल रहा है, लेकिन इसकी संख्या में काफी कम है.
सड़क को काटकर किया खराबः गया शहर वार्ड 42 में 6 हजार घर है. अधिकांश घर में कनेक्शन तो आ गए लेकिन पानी नहीं आया. वार्ड 42 के विपिन कुमार और वार्ड पार्षद राजीव कुमार सिंह बताते हैं कि "एक तो शहर की सड़क को चौपट कर दिया गया. ऊपर से हर घर गंगा जल का लाभ नहीं मिला. अब तक यह योजना कारगर साबित नहीं हो पाई है."
उद्घाटन वाले घर में आ रहा जलः वार्ड 42 के मोहल्ले की रहने वाली नीलू कुमारी बताती हैं कि उनके घर में नल लगा और गंगा का जल भी आ रहा है. बता दें कि नीलू कुमारी उसी घर की रहने वाली है, जिसके घर सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था. इस घर में पानी तो आ रहा है, लेकिन अन्य घरों तक यह सुविधा नहीं पहुंची है. कई मोहल्ले तो ऐसे भी हैं, जहां कनेक्शन भी नहीं लगा. मीटर नहीं लगने से यहां पानी आने की संभावना दूर-दूर तक नहीं है.
75-76 हजार घरों में पानी पहुंचाना लक्ष्यः बता दें कि 2022 के नवंबर महीने में नीतीश कुमार ने हर घर गंगाजल का उद्घाटन किया था. अबगिला स्थित प्लांट से 75-76 हजार घरों में पानी पहुंचाना है. सीएम पश्चिम टिल्हा धर्मशाला रोड नीलू कुमारी समेत तीन से चार घरों में हर घर गंगाजल के सप्लाई को देखा था. वर्तमान तीन से चार घरों को छोड़कर किसी घर में पानी नहीं जा रहा है. किसी को भी हर घर गंगा जल का कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
"घर में कनेक्शन दिया गया. मीटर भी लगाया गया लेकिन आज तक हर-हर गंगा जल का लाभ नहीं मिला है. इस वार्ड के अधिकांश घरों में इस योजना का लाभ नहीं पहुंचा है."-शाहनवाज खान, स्थानीय