ग्वालियर। शहर की पुलिस ने दो ऐसे मामलों का खुलासा किया है. जिसमें गोली लगने से घायल युवक ही आरोपी निकले हैं. एक मामले में युवक ने पैसों के लालच में खुद को गोली मरवाने का षड्यंत्र रचा, जिससे दुश्मन को फंसाया जा सके. वहीं दूसरे मामले में युवक ने अपने ऊपर दर्ज केस में फरियादी पर दवाब बनाने के लिए खुद के पैर में गोली मार ली. ये घटनाएं महाराजपुरा और हजीरा थाना क्षेत्र की है.
फरियादी बने युवकों पुलिस ने बनाया आरोपी
पुलिस ने जब मामलों की गंभीरता से जांच पड़ताल शुरू की तो पता चला कि दोनों ही घटनाओं में जिन लोगों को आरोपी बताया गया था. वे दोनों अपने अपने घटना के समय घर पर मौजूद थे. इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए भी इसकी पुष्टि हुई. इसके बाद पुलिस ने अब फरियादी बने दोनों युवकों और उनका साथ देने वाले पांच अन्य लोगों को आरोपी बनाया है. पहली घटना हजीरा इलाके की है.
पुलिस ने बारीकी से शुरू की पड़ताल
9 जुलाई को भिंड के मिहोना इलाके में रहने वाला मनीष बाथम गोली लगने से घायल हालत में अपने दोस्त जॉनी बाथम के साथ अस्पताल में पहुंचा था. उसने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि उसे रोहन प्रजापति और मुकेश प्रजापति ने गोली मारी है. जांच के दौरान जब पुलिस को घटना का कोई भी साक्ष्य नहीं मिल रहा था, तो पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे भी चेक किए. उसमें भी रोहन और मुकेश प्रजापति और उनकी मोटरसाइकिल की मौजूदगी नहीं मिली थी. इसके बाद पुलिस ने बारीकी से पड़ताल शुरू की.
पूराने मामले में गवाही बदलने का बनाया दबाव
इस दौरान पुलिस को पता चला कि मुकेश प्रजापति को लाखन सिंह राठौड़ ने पैसे के लेनदेन के विवाद में पिछले साल नवंबर में गोली मार दी थी. जिस मामले में इस समय लाखन सिंह राठौड़ जेल में बंद है. उसी केस में राजीनामा करने और गवाही बदलने के लिए लाखन सिंह राठौड़ का भाई नारायण राठौड़ कई दिनों से फरियादी मुकेश प्रजापति को डरा धमका रहा था, लेकिन वह अपना बयान नहीं पलट रहा था और ना ही राजीनामा कर रहा था. इसके बाद मनीष बाथम उर्फ एटीएम को रोहन और उसके पिता मुकेश प्रजापति को झूठे मामले में फंसाने के लिए षड्यंत्र रचा.
पुलिस ने मामले का किया खुलासा