ग्वालियर।सिंधिया राजघराना...शायद ही कोई जिसे भारत की इस रॉयल फैमिली की जानकारी ना हो. ग्वालियर के सिंधिया राज परिवार के महाराज को सभी जानते हैं, ज्योतिरादित्य सिंधिया...जी हां केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री सिंधिया सिंधिया राज घराने के मुखिया हैं. उनके परिवार में उनकी पत्नी रानी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, बेटा राजकुमार महाआर्यमन सिंधिया और उनकी मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया हैं. उनके पिता महाराज और केंद्रीय मंत्री रहे माधव राव सिंधिया का लंबे अरसे पहले एक प्लेन दुर्घटना में निधन हो गया था.
नेपाल के राणा राजवंश की राजकुमार
सिंधिया फैमिली की सबसे वरिष्ठ सदस्य माधवी राजे सिंधिया हैं. जो कभी मीडिया या राजनीति में नहीं आई, लेकिन उनकी हस्ती भी कम नहीं है. सिंधिया राजपरिवार की बहू बनने से पहले भी माधवी राजे सिंधिया एक रॉयल फैमिली से आती थीं. उनके दादा नेपाल के प्रधानमंत्री और राणा राजवंश के प्रमुख जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा थे. वे कास्की और लमजुंग के महाराजा और गोरखा के सरदार रामकृष्ण कुंवर के पैतृक वंशज थे. ऐसे में वे इस नेपाली राजघराने की राजकुमारी थीं. शादी से पहले उनका नाम किरण राज लक्ष्मी देवी था.
तस्वीर देख कर भा गईं थी राजकुमारी, शादी के पहले मिलना चाहते थे महाराजा
सुंदर राजकुमारी किरण राज लक्ष्मी देवी की शादी का प्रस्ताव सिंधिया राजघराने में आया. उस वक्त तक तस्वीरों का चलन शुरू हो चुका था. ऐसे में नेपाल की इस राजकुमारी की तस्वीर उस वक्त ग्वालियर के महाराज रहे माधवराव सिंधिया को दिखायी गई. तस्वीर देखते ही माधवराव को किरण राज्य लक्ष्मी पसंद आ गई. बताया जाता है तस्वीर देखने के बाद माधव राव ने सामने से उन्हें देखने की इच्छा जाहिर की, वह संभव ना हो सका. लेकिन यह रिश्ता पक्का हो गया.
बारात के लिए चलायी थी स्पेशल ट्रेन
उस दौरान तय हुआ की विवाह दिल्ली से सम्पन्न होगा. ऐसे में बारात ले जाने के लिए विशेष इंतजाम किए गये. ग्वालियर से दिल्ली के बीच विशेष ट्रेन चलाई गई. जिससे ग्वालियर के महाराज माधवराव सिंधिया अपनी बारात लेकर गये थे. 8 मई 1966 को परंपरागत रूप से शादी संपन्न हुई थी और किरण राज लक्ष्मी विवाह पश्चात सिंधिया घराने की बहू और सिंधिया राजवंश की रानी बनकर ग्वालियर आ गयीं.