बेमेतरा :छत्तीसगढ़ में मौजूदा समय में मौसम खुशनुमा है. लेकिन बदरी छटते ही राज्य के कई जिलों में गंभीर जल संकट गहराएगा.भीषण गर्मी में लोगों को पीने के पानी के लिए मेहनत करनी होगी.ऐसी ही कहानी बेमेतरा जिले की भी है.जहां के कई गांवों में आज भी पीने का साफ पानी नहीं पहुंचा है.जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पानी की टंकियां और नल कनेक्शन तो आ गई हैं.लेकिन जीवन देने वाला जल अब भी कल के भरोसे है.
पानी की टंकी बनीं शो पीस :बेमेतरा जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सिंघनपुरी है.जहां के आश्रित गांव खाम्ही में जल संकट की स्थिति बनी हुई है. गांव में केंद्रीय योजना के तहत पानी की टंकी का निर्माण तो कराया गया है.लेकिन ये टंकी महज शो पीस बनकर रह गई है.क्योंकि टंकी में अब तक जलभराव नहीं हो सका है.जिसके कारण लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा. इस गांव में लोगों के घरों तक पाइप लाइन बिछाकर नल के कनेक्शन भी लगाए गए हैं.लेकिन पानी की टंकी सूखी होने के कारण पानी की जगह सिर्फ हवा ही लोगों के घरों तक पहुंच सकी है.
कहां से लाते हैं ग्रामीण पानी : खाम्हीगांव में पानी नहीं होने के कारण यहां के लोग काफी परेशान हैं. जिला प्रशासन के अफसरों तक ग्रामीणों ने अपनी समस्या पहुंचाई है.लेकिन आज तक गांव की मुसीबत को दूर करने वाला कोई भी सरकारी नुमाइंदा नहीं आया.लिहाजा ग्रामीणों ने इसे अपनी किस्मत मानते हुए पुराने तरीके से ही पानी का इंतजाम करना जारी रखा है.गांव के कई लोग आसपास के इलाकों में जाकर दूसरे के हैंडपंप से पानी भरते हैं.जो हैंडपंप तक नहीं पहुंच पाते वो नजदीक से बहने वाली हाफ नदी के पानी पर निर्भर हैं.निस्तारी के लिए ग्रामीण हाफ नदी जाते हैं,इसके बाद वहां से पानी भरकर घरों में स्टोर करते हैं.