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छत्तीसगढ़ में नल जल योजना की जमीनी हकीकत, पानी की टंकी बनीं शो पीस, नल से जल का इंतजार कर रहे ग्रामीण - nal jal yojana in chhattisgarh

बेमेतरा के खाम्ही गांव में बनीं पानी की टंकी ग्रामीणों के लिए शो पीस ज्यादा कुछ नहीं है. पानी की टंकी बनीं तो थी ग्रामीणों की प्यास बुझाने के लिए लेकिन आज खुद ही पानी के लिए तरस रही है.वहीं जिला प्रशासन जल्द ही इस समस्या को दूर करने का दावा कर रहा है. Water Crisis In Khamhi Village of Bemetara

Khamhi village Water problem
पानी की टंकी बनीं शो पीस

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 11, 2024, 6:28 PM IST

छत्तीसगढ़ में नल जल योजना की जमीनी हकीकत

बेमेतरा :छत्तीसगढ़ में मौजूदा समय में मौसम खुशनुमा है. लेकिन बदरी छटते ही राज्य के कई जिलों में गंभीर जल संकट गहराएगा.भीषण गर्मी में लोगों को पीने के पानी के लिए मेहनत करनी होगी.ऐसी ही कहानी बेमेतरा जिले की भी है.जहां के कई गांवों में आज भी पीने का साफ पानी नहीं पहुंचा है.जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पानी की टंकियां और नल कनेक्शन तो आ गई हैं.लेकिन जीवन देने वाला जल अब भी कल के भरोसे है.

पानी की टंकी बनीं शो पीस :बेमेतरा जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सिंघनपुरी है.जहां के आश्रित गांव खाम्ही में जल संकट की स्थिति बनी हुई है. गांव में केंद्रीय योजना के तहत पानी की टंकी का निर्माण तो कराया गया है.लेकिन ये टंकी महज शो पीस बनकर रह गई है.क्योंकि टंकी में अब तक जलभराव नहीं हो सका है.जिसके कारण लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा. इस गांव में लोगों के घरों तक पाइप लाइन बिछाकर नल के कनेक्शन भी लगाए गए हैं.लेकिन पानी की टंकी सूखी होने के कारण पानी की जगह सिर्फ हवा ही लोगों के घरों तक पहुंच सकी है.

कहां से लाते हैं ग्रामीण पानी : खाम्हीगांव में पानी नहीं होने के कारण यहां के लोग काफी परेशान हैं. जिला प्रशासन के अफसरों तक ग्रामीणों ने अपनी समस्या पहुंचाई है.लेकिन आज तक गांव की मुसीबत को दूर करने वाला कोई भी सरकारी नुमाइंदा नहीं आया.लिहाजा ग्रामीणों ने इसे अपनी किस्मत मानते हुए पुराने तरीके से ही पानी का इंतजाम करना जारी रखा है.गांव के कई लोग आसपास के इलाकों में जाकर दूसरे के हैंडपंप से पानी भरते हैं.जो हैंडपंप तक नहीं पहुंच पाते वो नजदीक से बहने वाली हाफ नदी के पानी पर निर्भर हैं.निस्तारी के लिए ग्रामीण हाफ नदी जाते हैं,इसके बाद वहां से पानी भरकर घरों में स्टोर करते हैं.

कितने दिन मिला टंकी से पानी ?: ग्रामीणों की माने तो जब पानी की टंकी बनने के बाद नल कनेक्शन दिए गए तो बकायदा इसकी टेस्टिंग की गई थी. दो दिनों तक ग्रामीणों को पीने का साफ पानी नलों से मिला.ग्रामीणों ने सोचा कि एक बड़ी समस्या का समाधान हो गया है. लेकिन दो दिनों के बाद ना तो टंकी भरी और ना ही नलों से पानी आया.इसके बाद ग्रामीण पानी की समस्या से जूझने लगे.इस बारे में जब कलेक्टर से बात की गई तो उन्होंने जल्द ही इस ओर ध्यान देने की बात कही है.

''हाल ही में नल जल योजना के संबंध में समीक्षा बैठक ली गई है.बैठक में नल जल योजना के अधूरे कार्य को जल्द पूर्ण करने के संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं.''- रणवीर शर्मा, कलेक्टर

कब आएगा पानी,अब भी यही सवाल :लाखों रुपए खर्च करके पानी की टंकी गांव के सीने में खड़ी कर दी गई.लेकिन ये टंकी सिवाए शो पीस के कुछ नहीं.क्योंकि ये टंकी ग्रामीणों को रोजाना सुबह से लेकर शाम तक सिवाए चिढ़ाने के कुछ नहीं करती.टंकी ये बताने की कोशिश कर रही है कि देखों कथनी और करनी में कितना अंतर है. मैं बनीं तो थी दूसरों के प्यास को बुझाने के लिए लेकिन हालात ये है कि मैं खुद ही प्यासी हूं.इसलिए मेरे साथ पूरा गांव पानी के लिए तरस रहा है.

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