कोरबा: छत्तीसगढ़ सरकार के अधीन विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारी फिर से आंदोलन में डटे हुए हैं. शुक्रवार को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन किया गया. इसका असर कोरबा में भी रहा. प्रदेश में छह हजार करोड़ के डीए एरियर्स के लिए पांच लाख राज्य सरकार के कर्मियों ने शुक्रवार को आंदोलन किया. विभिन्न सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी आंदोलन में शामिल हुए. कर्मियों ने आईटीआई तानसेन चौक पर काम बंद कलम बंद हड़ताल कर अपनी आवाज बुलंद की. इस दौरान सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा.
गारंटी नहीं हुई पूरी:सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि प्रदेश में मोदी की गारंटी पूरी नहीं हुई. 100 दिन में महंगाई भत्ता देने की बात कही गई थी, लेकिन वह अधूरी है. पिछली सरकार ने भी यही काम किया था. जिसके कारण छत्तीसगढ़ से उनका सूपड़ा साफ हो गया. अधिकारी कर्मचारी सरकार को बदलने की ताकत रखते हैं.
चार प्रतिशत महंगाई भत्ता जुलाई 2019 से बकाया:प्रदर्शन के दौरान पदाधिकारियों ने बताया कि संघ की मांग जनवरी 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की है. इसके अलावा जुलाई 2019 से अनियमित डीए का एरियर कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में समायोजित करने की मांग है.
क्रमबद्ध तरीके से चल रहा प्रदर्शन:अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के पदाधिकारी केआर डहरिया ने इस धरना प्रदर्शन को लेकर जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कर्मचारी और अधिकारी केंद्रीय कर्मचारियों के समान गृह भाड़ा और चार स्तरीय समयमान वेतन की मांग भी कर रहे हैं. मोदी की सरकार ने 240 दिन के जगह पर 300 दिनों का अवकाश नगदीकरण की गारंटी दी है, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है. इसे लेकर क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन चल रहा है. 27 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. इसमें शिक्षक, बाबू, पटवारी, तहसीलदार और डिप्टी कलेक्टर तक के कर्मचारी शामिल हुए.