राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

सरकार ने कृषक कल्याण फीस आधी की, मंडी कारोबारियों ने हड़ताल वापस ली - Farmer Welfare Fees

सरकार ने फिलहाल कृषक कल्याण फीस को बढ़ाने का अपना निर्णय वापस ले लिया है, जिसके बाद मंडियों में प्रस्तावित हड़ताल को वापस ले लिया गया है.

मंडी कारोबारियों ने हड़ताल वापस ली
मंडी कारोबारियों ने हड़ताल वापस ली (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 2, 2024, 1:16 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार के कृषि विपणन विभाग द्वारा कृषक कल्याण फीस के विरोध में राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने प्रदेश के 247 मंडियों में हड़ताल की घोषणा की थी. लेकिन सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए कृषक कल्याण फीस एक प्रतिशत बढ़ाने के अपने निर्णय को फिलहाल वापस ले लिया है. फिलहाल ये फीस .50 प्रतिशत ही रहेगी. सरकार के इस फैसले के बाद बाद राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने हड़ताल वापस ले ली है.

हालांकि ये आधी दर 31 अगस्त 2024 तक मान्य रहेगी. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि एक जुलाई से सरकार कृषक कल्याण फीस 1 प्रतिशत वसूल करना चाह रही थी जिसके बाद संघ ने प्रदेश के सभी मंडियों में हड़ताल की चेतावनी दे दी थी और सरकार इससे पहले .50 प्रतिशत ही कृषक कल्याण फीस वसूल रही थी. लेकिन सरकार ने फ़िलहाल कृषक कल्याण फीस को बढ़ाने का अपना निर्णय वापस ले लिया है जिसके बाद मंडियों में प्रस्तावित हड़ताल को वापस ले लिया गया है. इसके साथ ही राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार वापस कृषक कल्याण फीस बढ़ाने का निर्णय लेगी तो मंडियों में हड़ताल की जाएगी.

पढ़ें: कृषक कल्याण फीस के विरोध में आए मंडी कारोबारी, मंडियों में हड़ताल की दी चेतावनी

अन्य मांगो पर करेंगे चर्चा : बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि सरकार से हमारी कुछ और भी मांगे है इसे लेकर सरकार से चर्चा की जाएगी. बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि लंबे समय से हम मांग कर रहे हैं कि सरकार मण्डियों के बाहर और भीतर एक कर वसूला करे. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के भवन के लिए आवंटित भूखंड पर सरकार द्वारा मांगी जा रही 1 प्रतिशत वार्षिक लीज मनी की मांग को समाप्त किया जाना चाहिए. गुप्ता ने यह भी कहा कि सरकार मंडी सेस 1 प्रतिशत करे और नाम परिवर्तन पर 2.5 प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत नाम परिवर्तन राशि मण्डी समिति द्वारा दुकान मालिक से ली जानी चाहिए. किराये की दुकानों में बैठे व्यापारियों को मालिकाना हक डीएलसी की 25 प्रतिशत राशि पर दिया जाना चाहिए, साथ ही जहां डीएलसी की दर अंकन में विसंगति है उसका समाधान मंडी स्तर पर किया जाना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details