हल्द्वानी:उत्तराखंड उच्च न्यायालय के गौलापार शिफ्ट होने का मामला वन भूमि हस्तांतरण नहीं होने के चलते अधर में लटक गया है. ऐसे में उत्तराखंड शासन ने जिलाधिकारी नैनीताल से तत्काल कोई दूसरी राजस्व भूमि तलाशने को कहा है.राज्य सरकार में सचिव पंकज कुमार पांडेय ने जिलाधिकारी को पत्र जारी करते हुए हाई कोर्ट के लिए अन्य भूमि तलाश करने के निर्देश दिए हैं.
हाईकोर्ट गौलापार शिफ्ट करने की कवायद पर लगा ब्रेक, शासन ने दिए दूसरी भूमि तलाशने के निर्देश - उत्तराखंड हाईकोर्ट
Uttarakhand High Court नैनीताल हाईकोर्ट के गौलापार शिफ्ट होने का मामला अधर में लटकता नजर आ रहा है. गौलापार हाईकोर्ट शिफ्ट करने को लेकर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने अनुमति अटका दी है. आरईसी की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली. उत्तराखंड शासन ने नैनीताल डीएम वंदना सिंह को तत्काल दूसरी राजस्व भूमि तलाशने के निर्देश दिए हैं.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Feb 24, 2024, 9:19 AM IST
उत्तराखंड निर्माण के समय उच्च न्यायालय की स्थापना नैनीताल में की गई थी. यहां समय के साथ न्यायालय के फैलाव और अधिवक्ताओं की बढ़ती संख्या व पर्यटन स्थल को हो रहे नुकसान को देखते हुए इसे गौलापार शिफ्ट करने का एक प्लान केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से बनाया गया था. इसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने गौलापार में इसके लिए अनुमति अटका दी. बताया जा रहा है कि 24 जनवरी को आरईसी की 82वीं बैठक में इस प्रस्ताव को Non site specific activity category में रखे होने के कारण अस्वीकृत कर दिया गया.
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वन भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव केंद्र की हाई इम्पावर्ड कमेटी ने खारिज कर दिया.आरईसी के सदस्यों ने राज्य सरकार से राजस्व भूमि में कम क्षेत्र घेरने वाली बहु-मंजिली इमारत के साथ कंक्रीट और ग्रीन फुटफॉल का उल्लेख करते हुए एक स्पष्ट लेआउट योजना तैयार करने को कहा. राज्य सरकार में सचिव पंकज कुमार पांडेय ने नैनीताल जिलाधिकारी वंदना सिंह को लिखे पत्र में कहा कि हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है. आरईसी की बैठक के प्रस्ताव का विवरण देकर शासन को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही डीएम को तत्काल राजस्व भूमि की उपलब्धता के संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए शासन को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं.