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पासपोर्ट सत्यापन करने के नाम पर गोरखपुर रेंज के 70 पुलिसकर्मी कर रहे थे धन उगाही, DIG की जांच में पुष्टि - Passport Verification

गोरखपुर रेंज के चार जिलों में पुलिसकर्मी पासपोर्ट सत्यापन के नाम पर आवेदकों से धन उगाही करते हैं. इसकी पुष्टि डीआईजी की ओर से कराई गई जांच में पुष्टि हुई है.

डीआईजी आनंद कुलकर्णी
डीआईजी आनंद कुलकर्णी (Photo Credit: Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 15, 2024, 4:38 PM IST

गोरखपुर: पासपोर्ट बनवाने के नाम पर पुलिस और पासपोर्ट कार्यालय में आवेदकों से धनउगाही की बात सामने आती रही है. लेकिन गोरखपुर जोन में इसकी पुष्टि भी हुई है और जोन के चार जिलों में 70 ऐसे पुलिसकर्मी चिह्नित किए गए हैं, जो आवेदकों से पासपोर्ट की जांच के नाम पर धन उगाही करते रहे हैं. यह जांच डीआईजी आनंद कुलकर्णी की तरफ से कराई गई थी. जिसमें आवेदकों के पास फोन के जरिए बातचीत करते हुए उनसे फीडबैक लिया जाता था. आवेदकों के फीडबैक के आधार पर गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महाराजगंज में तैनात 70 पुलिसकर्मियों के नाम की कुंडली तैयार हो गई है. आरोप की पुष्टि होने पर 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के साथ ही, 7 को लाइन हाजिर कर दिया गया है. 21 को लघु दंड दिया गया है. वहीं, 17 पुलिसकर्मियों को सत्यापन के लिए आवेदक के घर न जाने का निर्देश दिया गया है.

रेंज कार्यालय में फीडबैक सेल बना
डीआईजी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि पासपोर्ट सत्यापन में कोई पुलिसकर्मी मनमानी न करें, इसके लिए रेंज कार्यालय में फीडबैक सेल बनाया गया है. आवेदक की डिटेल लेने के बाद फोन पर उससे बातचीत की जाती है. फीडबैक में मनमानी तरीके से रुपये लेने की जानकारी मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जा रही है. सत्यापन के नाम पर अगर कोई रुपए की मांग करता है तो आवेदन संख्या के साथ पुलिसकर्मी का नाम व नियुक्ति स्थान आवेदक बताएं कार्रवाई होगी.

पैसे न देने पर परेशान करते हैं पुलिसकर्मी
डीआईजी आनंद कुलकर्णी के मुताबिक चार माह में आवेदकों से की गई रेंडम जांच के आधार पर 70 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं. आवेदको ने साफ तौर पर ऐसे पुलिसकर्मियों के नाम भी बताए हैं और रुपये लेने की बात भी कही है. उन्होंने यहां तक कहा है कि रुपए नहीं देने पर यह पुलिसकर्मी उन्हें बेहद परेशान करते थे. 20 पुलिस कर्मी ऐसे हैं, जिन्होंने अनियमितता बरती है उनके कार्यस्थल का परिवर्तन कर दिया गया है.

हर महीने 12 हजार से लोग पासपोर्ट के लिए करते हैं आवेदन
डीआईजी के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई के बाद से पुलिस महकमें हड़कंप मचा है. यह माना जा रहा है कि अभी तो यह पहली सूची के 70 पुलिसकर्मी हैं. फीडबैक के आधार पर कुछ और पुलिसकर्मियों की भी गर्दन इसमें फंस सकती है. क्योंकि गोरखपुर मंडल के चार जिलों से हर माह करीब 12 से 15 हजार लोग पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं. आवेदन के बाद आवेदकों का थाना स्तर से सत्यापन कराया जाता है. जो पुलिसकर्मी सत्यापन में जाते हैं, उन्हीं पर रुपए मांगने का आरोप लगता है. इसलिए डीआईजी ने अपने कार्यालय में एक फीडबैक सेंटर स्थापित कर आवेदकों से शिकायत मांगी थी. जिन आवेदकों की शिकायत मिली थी, उनके दर्ज मोबाइल नंबर पर कार्यालय से फोन किया गया और बातचीत के आधार पर पुलिसकर्मियों की कार्यशैली दर्ज की गई. इसके बाद यह कार्रवाई डीआईजी ने किया है.

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