गोरखपुर: इंजीनियरिंग के छात्रों के तकनीकी कौशल को मंच प्रदान करने के लिए, टेक सृजन-24 (Tech Srijan-24) कार्यक्रम का आयोजन मील का पत्थर साबित हो रहा है. मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Madan Mohan Malviya University of Technology) में पिछले तीन दिन से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेज के युवा इंजीनियर शामिल होकर अपने तकनीकी कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं.
इनके शोध और परिणाम भविष्य में देश की जरूरत पर आधारित हैं. कोई दुश्मन की सेना से रक्षा के लिए बम संचालक रॉकेट लॉन्चर के तरीकों पर काम करता नजर आया तो, बुलडोजर से लेकर कपड़े धोने की मशीन तक को भी समय की जरूरत के हिसाब से युवा इंजीनियरों ने तैयार किया है. खास बात यह है कि आइसक्रीम की स्टिक से इंजीनियरिंग के इन छात्रों ने एक ऐसा ब्रिज बनाया, जिस पर 180 किलो का वजन सहा जा सकता था.
इन उत्साही इंजीनियरों ने अपने प्रयोग और तकनीक को ईटीवी भारत के साथ साझा किया. कहा, उनकी कोशिश है कि शोध को उच्च स्तर तक ले जाना है, जिससे उसका परिणाम बेहद ही संतोषजनक निकलकर आए. प्रदेश के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन इस प्लेटफार्म के जरिए प्रदर्शित करते हैं. रक्षा और सुरक्षा उपकरण के साथ दैनिक जीवन में उपयोगी वस्तुओं का आधुनिक प्रयोग इस आयोजन का बड़ा आकर्षण बन रहा है.
MMMUT के छात्र हिमांशु शुक्ला ने बताया कि टेकसृजन में 'एल टीरो' 'वर्ल्ड पार्लियामेंट', इनफॉर्मल्स', 'ब्रेल कोडिंग', कैडाथन , ब्रिजकृति 'टेकजार "आदि प्रयोग कराए गए. 'एल टीरो में 66 टीमों में से 30 ने दूसरे चरण में कदम रखा. 'एल टीरो' में बच्चों ने सही निशाना लगाकर अपने कौशल और बुद्धिमानी का प्रदर्शन किया. 'एब इनीशियो' में कुल 13 टीमों में से 5 टीम ही अंतिम चरण के लिए चयनित हुईं.
प्रतियोगिता में बच्चो ने "रूब गोल्डबर्ग मशीन के" तकनीक का प्रयोग करके अपने कौशल का प्रदर्शन किया. ब्रिजकृति में कुल 220 आइसक्रीम स्टिक का प्रयोग करके बच्चो ने पुल बनाया. अन्तिम चरण में पुल ने अभी तक 185 किलो तक वजन उठाया. टेकजार, प्रतियोगिता में बच्चों ने अपनी बौद्धिक क्षमता का प्रयोग करके बेहतरीन प्रदर्शन किया.