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राधाकृष्ण के उपासकों के साथ-साथ भोलेनाथ के भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र, वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है बिहार का यह मंदिर - RADHAKRISHNA SHIV TEMPLE - RADHAKRISHNA SHIV TEMPLE

RADHAKRISHNA SHIV TEMPLE GOPALGANJ: गोपालगंज का राधाकृष्ण शिवमंदिर वास्तुकला का बेजोड़ नमूना तो है ही ये वैष्णव और शैव मतावलंबियों के लिए संगमस्थल भी है. इस मंदिर में राधाकृष्ण की मूर्तियों के साथ-साथ शिवलिंग भी स्थापित है. पढ़िये पूरी खबर,

गोपालगंज का ऐतिहासिक राधाकृष्ण शिवमंदिर
गोपालगंज का ऐतिहासिक राधाकृष्ण शिवमंदिर (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 24, 2024, 8:12 PM IST

मंदिर से जुड़ी हैं कई रोचक कहानियां (ETV BHARAT)

गोपालगंजः समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्वविख्यात बिहार में वास्तुकला और स्थापत्यकला के भी कई बेजोड़ नमूने हैं. जिनमें एक है गोपालगंजमें निर्मित ऐतिहासिक राधाकृष्ण शिवमंदिर. जिले के मांझा प्रखंड मुख्यालय के पास मांझा पश्चिम पंचायत में स्थित इस मंदिर से कई रोचक कहानियां जुड़ी हैं.

बेहद सुंदर है राधाकृष्ण शिवमंदिर (ETV BHARAT)

18वीं सदी में हुआ निर्माणः ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार मांझागढ़ के राजा शिवधर शाही ने 18वीं सदी में इस मंदिर का निर्माण करवाया था. इस मंदिर से जुड़ी कई लोक कहानियां भी प्रसिद्ध हैं और कहा जाता है इस आकर्षक और बेहद ही सुंदर मंदिर के निर्माण करनेवाले मुख्य कारीगर के हाथ राजा ने कटवा दिए थे ताकि दूसरी जगह ऐसा मंदिर नहीं बन सके.

18वीं सदी में हुआ था मंदिर का निर्माण (ETV BHARAT)

"सुनने में आता है कि जिस मिस्त्री ने इस मंदिर को बनाया था उसके हाथ काट लिए गये थे ताकि इस डिजाइन का दूसरा मंदिर जिले में नहीं बना सके. इस मंदिर के बने हुए 218 साल हो गये हैं और जब मंदिर बना तब देश में अंग्रजों का शासन था."-धनंजय उपाध्याय, पुजारी, राधाकृष्ण शिवमंदिर

दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु (ETV BHARAT)

वास्तुकला का बेजोड़ नमूनाः यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए काफी प्रसिद्ध है.मंदिर की नक्काशी और शिल्पकारी देखते ही बनती है. मंदिर में राधाकृष्ण की मूर्तियों के अलावा और कई मूर्तियां स्थापित हैं, लेकिन सबसे विशेष है इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना. इस तरह राधाकृष्ण की मूर्तियों के साथ-साथ शिवलिंग होने से ये वैष्णव और शैव मतावलंबियों का संगम-स्थल कहा जा सकता है. मंदिर में राजस्थान के जयपुर के लाल पत्थरों का शानदार इस्तेमाल किया गया है.

वास्तुकला का बेजोड़ नमूना (ETV BHARAT)

सहज ही खींच लाता है यहां का शांत वातावरणः इस मंदिर की वास्तुकला और मंदिर में स्थापित मूर्तियों के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. मंदिर के चारों ओर फैले बगीचे इस मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं. इस मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं भी हैं. लोगों का कहना है कि यहां आने से मन की शांति मिलती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.मंदिर की वास्तुकला और यहां का शांत वातावरण भक्तों को सहज ही खींच लाता है.

शिवरात्रि और जन्माष्टमी पर विशेष आयोजन होते हैं (ETV BHARAT)

भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्रः यह मंदिर राधाकृष्ण के अनुयायियों के साथ-साथ शिवभक्तों की आस्था का भी बड़ा केंद्र है. मंदिर में सालों भर कोई न कोई विशेष आयोजन होते ही रहते हैं. खास तौर पर शिवरात्रि और जन्माष्टमी के अवसर पर यहां मेला लगता है और दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं.

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