भगवा में नजर आए गोपाल भार्गव, बोले- 'झूठी दुनिया, झूठे बंधन, झूठी है यह सब माया'
Gopal Bhargava Different Style: पूर्व मंत्री व बीजेपी विधायक गोपाल भार्गव अक्सर अपने बयानों और सीएम बनने की चाहत को लेकर चर्चा में रहे हैं. इस बार फिर वे खबरों में हैं, क्योंकि गोपाल भार्गव भगवा वस्त्र धारण कर लोगों को झूठी दुनिया और झूठे बंधन का पाठ पढ़ा रहे हैं.
सागर।लगातार 9 चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव 20 साल मंत्री रहने के बाद मौजूदा मोहन यादव सरकार में मंत्री नहीं बने हैं. मंत्री न बन पाने का मलाल आए दिन उनके हावभाव और बहानों में नजर आया है. अब गोपाल भार्गव भगवा रंग में रंगे नजर आए हैं. खास बात ये है कि वो प्रवचन भी कर रहे हैं और लोगों को ऐसे भजन सुना रहे हैं, जिसमें दुनिया को झूठा और माया बता रहे हैं. मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे गोपाल भार्गव को अपने लंबे राजनीतिक करियर में मुख्यमंत्री बनने की प्रबल इच्छा थी, लेकिन गोपाल भार्गव इससे वंचित रह गए.
हालांकि गोपाल भार्गव कैबिनेट मंत्री, नेता प्रतिपक्ष और हाल ही में प्रोटेम स्पीकर भी बने थे, लेकिन मुख्यमंत्री ना बन पाने का मलाल उनको है और अब भगवा वस्त्र पहनकर प्रवचन से साफ हो गया है कि अब उनका झुकाव आध्यात्म की तरफ हो गया है.
क्या है माजरा
दरअसल पूर्व मंत्री व मध्यप्रदेश विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें वो भगवा वस्त्र पहने प्रवचन करते और भजन गाते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो को लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं जोर पकड़ चुकी है. जहां तक वीडियो की बात करें, तो ये वीडियो उनके गृहनगर गढ़ाकोटा के नजदीक धार्मिक स्थल पटेरिया जी का बताया जा रहा है. इसमें वे कथावाचक जैसी भूमिका में नजर आ रहे हैं. गोपाल भार्गव जहां लोगों को प्रवचन सुना रहे हैं, तो भजन भी गा रहे हैं.
धार्मिक कार्यक्रम में गोपाल भार्गव ने ये कहकर एक भजन सुनाया कि मैं बाल्य अवस्था से एक भजन गाता आ रहा हूं और आज फिर दोहराता हूं. झूठी दुनिया, झूठे बंधन, झूठी यह सब माया है...'' इस भजन को सुनाकर गोपाल भार्गव कथा सुनने आए लोगों को बताते हैं कि ये दुनिया सब मोह माया और झूठी दुनिया है. यहां सब झूठे बंधन हैं. हालांकि उनके इस वीडियो के सामने आने के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री पद के आश्वासन के बाद मंत्री भी ना बनाए जाने पर गोपाल भार्गव अपनी पार्टी को संदेश देना चाह रहे हैं कि ये दुनिया झूठी है और माया है. हालांकि उनके राजनीतिक जीवन की बात करें, तो लगातार 1985 से एक ही विधानसभा रहली से 9 बार चुनाव जीतते आ रहे हैं. हाल ही के चुनाव में तो उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को 72 हजार वोटों से हराया है.