ETV Bharat / state

चुटकियों में सुलझेगा जमीन विवाद, शिवराज का वादा, लोगों को मिलेगा डिजिटल NAKSHA - NAKSHA SURVEY PROGRAM

केंद्र सरकार ने लोगों की जमीन से जुड़ी समस्याओं का हल निकाल लिया है. रायसेन में केंद्रीय मंत्री शिवराज ने नक्शा सर्वे अभियान लॉन्च किया.

NAKSHA SURVEY PROGRAM
नक्शा सिटी सर्वे प्रोग्राम लॉन्च (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 18, 2025, 5:19 PM IST

भोपाल: अब लोगों को उनके प्लॉट, मकान और भूमि का डिजिटल सर्वे कर उन्हें अर्बन प्रॉपर्टी कार्ड मिलेगा. इसके लिए मध्य प्रदेश के 10 नगरों सहित 150 नगरों में नक्शा अभियान शुरू किया गया है. केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रायसेन से नक्शा सिटी सर्वे प्रोग्राम को शुरू किया है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री शिवराज ने कहा कि "डिजिटल सर्वे के बाद जमीन संबंधी विवाद खत्म होंगे और सरकार के पास जमीन संबंधी पुख्ता रिकॉर्ड होगा.

जमीन संबंधी विवाद होंगे खत्म

नेशनल जियो स्पेशियल नॉलेज बेस्ड लैंड सर्वे का अर्बन हैबिटेशन यानी नक्शा कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम रायसेन जिले में हुआ. कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री मोहन यादव, राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, स्थानीय विधायक प्रभुराम चौधरी, सुरेन्द्र पटवा मौजूद थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "नक्शा न होने से ही कई बार जमीन संबंधी विवाद होते हैं. नक्शे न होने से ही किसी की जमीन किसी के नाम हो जाती थी. नक्शा कार्यक्रम के बाद लोगों के पास डिजिटली नक्शा मौजूद होगा. इसके लिए यह कार्यक्रम आज लांच किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वॉटर शेड का कार्यक्रम भी शुरू किया गया है. इसमें सभी लोग से जुड़ें. इसका कार्यक्रम देश भर में आज से शुरू किया गया है. उधर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट करने जा रही है. मध्य प्रदेश में कपास का सबसे ज्यादा उत्पादन हो रहा है, इसलिए उससे धागा और कपड़ा यहीं बनना चाहिए. सरकार यह कोशिश कर रही है.

मध्य प्रदेश के 10 नगर में शुरू हुआ प्रोजेक्ट

नक्शा कार्यक्रम देश में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 152 नगरों से शुरू हुआ है. इन 152 नगरों में मध्य प्रदेश के 9 जिलों के 10 नगर शामिल हैं. इनमें शाहगंज, छनेरा, अलीराजपुर, देपालपुर, धार कोठी, मेघनगर, माखन नगर, विदिशा, सांची और उन्हेल शामिल है. इस पायलट प्रोजेक्ट से भूमी से जुड़ी जानकारी बेहद सटीक मिलेगी. इसके अलावा भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के लिए इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है. यह एक साल तक चलेगा.

भूमि मालिकों को मिलेगा अर्बन प्रॉपटी कार्ड

इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 10 नगरों सहित देश के 152 नगरों का ड्रोन की मदद से सर्वेक्षण होगा और डिजिटल मैपिंग कर भूमि अधिकार अभिलेख का डिजिटलीकरण किया जाएगा. इस पायलेट प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा किया जाएगा.

पहला चरण

पहले चरण में एरियल सर्वे होगा. इसमें शहरी आवासीय आबादी की हाई रेज्युलूशन इमेज ली जाएगी और डिजिटल मानचित्र बनाया जाएगा. इसके बाद थ्री डी मॉडल तैयार होगा. इससे सतह से जमीन की ऊंचाई को आसानी से मापा जा सकेगा.

दूसरा चरण

दूसरे चरण में एरियल सर्वे के डाटा को फील्ड सर्वे से वैरीफाइ किया जाएगा.

तीसरा चरण

तीसरे चरण में दावा-आपत्तियों को बुलाया जाएगा. प्रक्रिया पूरी होने के बाद डाटा नक्शा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और संपत्ति मालिकों को भूमि अभिलेखों की तमाम जानकारी के साथ अर्बन प्रॉपर्टी कार्ड मिलेगा.

यह होगा फायदा

भूमि का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होने से शहरी क्षेत्र की संपत्तियों का सटीकता से सीमांकन हो सकेगा. इससे संपत्ति के स्वामित्व की जानकारी रजिस्टर्ड होगी और भूमि से जुड़े रिकॉर्ड डिजिटली उपलब्ध होंगे. भूमि के डिजीटालाइजेशन के साथ आम व्यक्ति एक क्लिक पर अपनी संपत्ति की जानकारी ऑनलाइन एक क्लिक पर निकाल सकेंगे. भूमि के डिजिटालाइजेशन से नगरीय क्षेत्रों में विकास संबंधी कामों में आसानी होगी. नगरीय क्षेत्रों में प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन में सुधार होगा और इससे नगरीय निकायों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. संपत्ति की खरीद-बिक्री और लोन की प्रक्रिया आसान होगी.

भोपाल: अब लोगों को उनके प्लॉट, मकान और भूमि का डिजिटल सर्वे कर उन्हें अर्बन प्रॉपर्टी कार्ड मिलेगा. इसके लिए मध्य प्रदेश के 10 नगरों सहित 150 नगरों में नक्शा अभियान शुरू किया गया है. केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रायसेन से नक्शा सिटी सर्वे प्रोग्राम को शुरू किया है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री शिवराज ने कहा कि "डिजिटल सर्वे के बाद जमीन संबंधी विवाद खत्म होंगे और सरकार के पास जमीन संबंधी पुख्ता रिकॉर्ड होगा.

जमीन संबंधी विवाद होंगे खत्म

नेशनल जियो स्पेशियल नॉलेज बेस्ड लैंड सर्वे का अर्बन हैबिटेशन यानी नक्शा कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम रायसेन जिले में हुआ. कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री मोहन यादव, राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, स्थानीय विधायक प्रभुराम चौधरी, सुरेन्द्र पटवा मौजूद थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "नक्शा न होने से ही कई बार जमीन संबंधी विवाद होते हैं. नक्शे न होने से ही किसी की जमीन किसी के नाम हो जाती थी. नक्शा कार्यक्रम के बाद लोगों के पास डिजिटली नक्शा मौजूद होगा. इसके लिए यह कार्यक्रम आज लांच किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वॉटर शेड का कार्यक्रम भी शुरू किया गया है. इसमें सभी लोग से जुड़ें. इसका कार्यक्रम देश भर में आज से शुरू किया गया है. उधर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट करने जा रही है. मध्य प्रदेश में कपास का सबसे ज्यादा उत्पादन हो रहा है, इसलिए उससे धागा और कपड़ा यहीं बनना चाहिए. सरकार यह कोशिश कर रही है.

मध्य प्रदेश के 10 नगर में शुरू हुआ प्रोजेक्ट

नक्शा कार्यक्रम देश में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 152 नगरों से शुरू हुआ है. इन 152 नगरों में मध्य प्रदेश के 9 जिलों के 10 नगर शामिल हैं. इनमें शाहगंज, छनेरा, अलीराजपुर, देपालपुर, धार कोठी, मेघनगर, माखन नगर, विदिशा, सांची और उन्हेल शामिल है. इस पायलट प्रोजेक्ट से भूमी से जुड़ी जानकारी बेहद सटीक मिलेगी. इसके अलावा भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के लिए इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है. यह एक साल तक चलेगा.

भूमि मालिकों को मिलेगा अर्बन प्रॉपटी कार्ड

इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 10 नगरों सहित देश के 152 नगरों का ड्रोन की मदद से सर्वेक्षण होगा और डिजिटल मैपिंग कर भूमि अधिकार अभिलेख का डिजिटलीकरण किया जाएगा. इस पायलेट प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा किया जाएगा.

पहला चरण

पहले चरण में एरियल सर्वे होगा. इसमें शहरी आवासीय आबादी की हाई रेज्युलूशन इमेज ली जाएगी और डिजिटल मानचित्र बनाया जाएगा. इसके बाद थ्री डी मॉडल तैयार होगा. इससे सतह से जमीन की ऊंचाई को आसानी से मापा जा सकेगा.

दूसरा चरण

दूसरे चरण में एरियल सर्वे के डाटा को फील्ड सर्वे से वैरीफाइ किया जाएगा.

तीसरा चरण

तीसरे चरण में दावा-आपत्तियों को बुलाया जाएगा. प्रक्रिया पूरी होने के बाद डाटा नक्शा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और संपत्ति मालिकों को भूमि अभिलेखों की तमाम जानकारी के साथ अर्बन प्रॉपर्टी कार्ड मिलेगा.

यह होगा फायदा

भूमि का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होने से शहरी क्षेत्र की संपत्तियों का सटीकता से सीमांकन हो सकेगा. इससे संपत्ति के स्वामित्व की जानकारी रजिस्टर्ड होगी और भूमि से जुड़े रिकॉर्ड डिजिटली उपलब्ध होंगे. भूमि के डिजीटालाइजेशन के साथ आम व्यक्ति एक क्लिक पर अपनी संपत्ति की जानकारी ऑनलाइन एक क्लिक पर निकाल सकेंगे. भूमि के डिजिटालाइजेशन से नगरीय क्षेत्रों में विकास संबंधी कामों में आसानी होगी. नगरीय क्षेत्रों में प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन में सुधार होगा और इससे नगरीय निकायों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. संपत्ति की खरीद-बिक्री और लोन की प्रक्रिया आसान होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.