पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव का सियासत से ऊब रहा मन, बोले- पद नाशवान, ईश्वर और आस्था शाश्वत - भोपाल भार्गव का भक्ति में मन
Gopal Bhargava Bhagwa Form: जब से गोपाल भार्गव को सीएम और मंत्री पद दोनों में से कुछ भी नहीं मिला. तब सीएम बीजेपी के वरिष्ठ नेता का मोह राजनीति से भंग हो गया है और वे इसे नाशवान बता रहे हैं. अब गोपाल भार्गव को ईश्वर और आस्था ही शाश्वत लग रही है.
सागर।भले ही विधानसभा चुनाव 2023 में गोपाल भार्गव ने अपने राजनीतिक जीवन का लगातार नौवा चुनाव जीता था और मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें ना मुख्यमंत्री पद हासिल हुआ और ना मंत्री बनाया गया. पिछले कुछ दिनों से गोपाल भार्गव का मन सियासत से ऊबता हुआ नजर आ रहा है और धर्म अध्यात्म की तरफ बढ़ रहा है. अभी कुछ दिनों पहले गोपाल भार्गव अपने विधानसभा क्षेत्र के एक धार्मिक स्थान पर भागवत कथा का वाचन करते नजर आए थे. अब गोपाल भार्गव अपने गृह नगर में प्रसिद्ध गणेश मंदिर में तिल गणेश पर श्रद्धालुओं को अभिमंत्रित यंत्र और भगवान का प्रसाद बांटते नजर आए. गोपाल भार्गव से सवाल किया गया कि क्या मंत्री नहीं बनाए जाने से निराशा है, तो उन्होंने कहा की पद नाशवान होता है ईश्वर और आस्था शाश्वत है.
माघ मेले में गोपाल भार्गव का नया स्वरूप
पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव अपने विधानसभा क्षेत्र रहली के पेटराजी धाम में पिछले दिनों व्यास गद्दी पर बैठे नजर आए थे. यहां गोपाल भार्गव ने 7 दिन तक भागवत कथा का वाचन किया था. जिसकी कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. जिसमें गोपाल भार्गव भजन गाते और प्रभु की लीला बताते हुए नजर आए थे. दरअसल मंत्री गोपाल भार्गव अपने गृह नगर गढ़ाकोटा के गणेश घाट पर आयोजित माघ मेले में एक बार फिर धार्मिक वेशभूषा में नजर आए. गणेश घाट पर प्राचीन सिद्दी विनायक श्रीगणेश देवालय में तिल गणेश के अवसर पर भगवान् श्री गणेश का सहस्त्रार्चन एवं विधिविधान से विशेष पूजन हवन किया गया.
तिल गणेश के पावन अवसर पर पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने सपरिवार भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर क्षेत्रवासियों की सुख-शांति के लिए कामना की. इस अवसर पर पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने श्रद्धालुओं को अभिमंत्रित यंत्र एवं तिल तथा मोदक के लड्डुओं का प्रसाद वितरित किया. यहां मीडिया से चर्चा करते हुए मंत्री पद को लेकर गोपाल भार्गव ने कहा कि पद नाशवान है और पद आते जाते रहते हैं, लेकिन भगवान और आस्था शाश्वत है.
जहां तक पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव की बात करें, तो विधानसभा चुनाव 2023 में गोपाल भार्गव चुनाव लड़ने के मूड में नहीं थे. वह लगातार आठ चुनाव जीत चुके थे और अब अपने बेटे अभिषेक भार्गव को राजनीति की बागडोर सपना चाहते थे, लेकिन भाजपा ने अपनी कमजोर स्थिति देखते हुए दिग्गज नेताओं को चुनाव लड़ाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद गोपाल भार्गव को नौवी बार चुनाव लड़ने के लिए कहा कि प्रधानमंत्री के कहने पर गोपाल भार्गव चुनाव लड़ने तैयार हो गए. उन्हें उम्मीद थी कि इसका प्रतिफल उन्हें मिलेगा. लगातार 9 चुनाव जीत चुके गोपाल भार्गव मुख्यमंत्री पद के भी दावेदार थे, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री पद हासिल नहीं हो सका. उन्हें उम्मीद थी कि वरिष्ठता के चलते मंत्री पर जरूर मिलेगा, लेकिन मंत्री पद भी हासिल नहीं हुआ. ऐसे में गोपाल भार्गव की राजनीतिक सक्रियता कम नजर आ रही है और वह लगातार धर्म और आध्यात्म की तरफ रुख करते नजर आ रहे हैं.