आगरा :मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार करने कर्नाटक से आए दंपति से सोमवार को उनकी दो वर्षीय बेटी अलग हो गई. माता और पिता से बेटी जब अलग हुई तो रोने लगी. लगातार रोने से बच्ची की तबियत बिगड़ गई. मासूम रोते रोते बेहोश हो गई. उसके शरीर में हलचल होनी भी बंद हुई तो आनन-फानन में सीआइएसएफ जवानों ने उसे ताज पूर्वी गेट स्थित डिस्पेंसरी भेजा. जहां पर डॉ. रिंकू बघेल ने बच्ची की हालत देखी तो उसे कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) दिया. जिससे उसके शरीर में हलचल हुई और उसकी हालत में सुधार आ गया. जिससे दंपति की जान में जान आई.
बता दें कि, हर दिन हजारों की संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार करने के लिए आते हैं. कर्नाटक के बेलगाम से एक दंपति अपने बच्चों के साथ ताजमहल का देखने सोमवार शाम करीब 5:30 बजे पहुंचे. ताजमहल घूमने के दौरान माता-पिता से दो वर्षीय बेटी अलग हो गई. जिससे बच्ची ने रोना शुरू कर दिया. रोते-रोते बच्ची की तबीयत बिगड़ गई. उसकी सांसें उखडने लगी. बच्ची के बेहोश होते ही उसके शरीर में हलचल होनी भी बंद हो गई.
ताजमहल की सुरक्षा में तैनात सीआइएसएफ जवानों ने बेसुध बच्ची देखी तो तत्काल उसे ताजमहल के पूर्वी गेट स्थित डिस्पेंसरी भेजा. जहां पर तैनात डॉ. रिंकू बघेल ने बच्ची की हालत देखकर उसे तत्काल कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) दी. जिससे बच्ची की हालत में सुधार हुआ. बच्ची होश में आई तो उसे तत्काल बेहतर उपचार के लिए एंबुलेंस से शांति मांगलिक अस्पताल भेज दिया. जहां पर बच्ची की हालत में सुधार है.