कानपुर: यूपी के कानपुर जिले का रेल बाजार थाना एक बार फिर सुर्खियों में है. पहले पूर्व थाना अध्यक्ष विजय दर्शन शर्मा सहित चार पुलिसकर्मियों को शिक्षिका के घर से चोरी हुई 25 लख रुपए की ज्वेलरी हड़पने के आरोप में दोषी पाया गया था. वहीं, अब रेलबाजार थाने में तैनात रहे दरोगा गजेंद्र सिंह भी जांच रिपोर्ट में बैड टच के आरोप में दोषी पाए गए हैं. दरोगा पर मुंबई से युवती को बरामद कर कानपुर लाते समय उसके साथ बैड टच का आरोप लगा था. अब जल्द ही आरोपी पर पुलिस कमिश्नर की ओर से विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, रेल बाजार थाना क्षेत्र के फेथफुलगंज में रहने वाली एक महिला की 21 साल की बेटी बीते 22 सितंबर को घर से लापता हो गई थी. परिजनों ने मामले में 22 सितंबर को रेल बाजार थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस मामले की जांच का जिम्मा फेथफुलगंज चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह को सौंपी गई थी. जांच में युवती की लोकेशन मुंबई निकली. गजेंद्र सिंह पुलिस टीम के साथ युवती के भाई को लेकर मुंबई निकल गए थे. बीते 8 अक्टूबर को मुंबई के मारवाड़ी थाना क्षेत्र को पुलिस ने युवती को बरामद कर लिया था. युवती को बरामद करने के बाद दरोगा उसे लेकर जब कानपुर आ रहे थे तभी रास्ते में उन्होंने युवती के भाई को नासिक में उतार दिया. फिर रास्ते भर युवती से बैड टच करते हुए उसे कानपुर तक लाए थे.
पीड़ित युवती की शिकायत के बाद पुलिस कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए थे. वहीं, शिकायत के बाद पुलिस कमिश्नर ने दरोगा गजेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया था और दरोगा के खिलाफ जांच बैठा दी थी. इस मामले की जांच कर रही कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी है. जिसमें दरोगा गजेंद्र सिंह युवती से बैड टच के मामले में दोषी पाए गए है.
युवती से बैड टच का मामला सामने आने के बाद दरोगा की पत्नी भी शिकायत लेकर पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंची थी. महिला का आरोप था कि उसके पति की कई महिलाओं से अवैध संबंध है. शादी के बाद दरोगा ने उसकी जिंदगी नरक बना रखी है. दरोगा की पत्नी की शिकायत पर भी जांच बैठा दी गई थी. डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि जांच कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर बैड टच मामले में गजेंद्र सिंह को दोषी पाया गया है.
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