नई दिल्ली/गाजियाबाद:छठ महापर्व के दौरान गाजियाबाद में बिहार की झलक देखने को मिलती है. गाजियाबाद में छठ महापर्व को मनाने के लिए हिंडन छठ घाट पर तकरीबन तीन लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं. महीने भर पहले हिंडन छठ घाट पर तैयारियां शुरू हो जाती है. नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी गाजियाबाद नगर निगम द्वारा समस्त छठ घाटों की मरम्मत का कार्य अभियान के रूप में कराया गया है. यहां तक की घाट को जाने वाले मार्गों को भी सुदृढ़ किया गया है, सभी घाटों पर प्रकाश व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है.
विक्रमादित्य मलिक के मुताबिक, हिंडन नदी छठ घाट गाजियाबाद की मुख्य छठ घाट है. इस वर्ष भी लेजर लाइट आकर्षण की व्यवस्था की गई है. श्रद्धालुओं के लिए चेंजिंग रूम भी बनाया गया है. कंट्रोल रूम की व्यवस्था भी गाजियाबाद नगर निगम द्वारा की गई है. इलेक्ट्रिसिटी के लिए जनरेटर की व्यवस्था, 25 चेंजिंग रूम, 30 सीसीटीवी कैमरा, कंट्रोल रूम, 20 वॉटर टैंकर, 10 मोबाइल टॉयलेट तथा 120 सफाई कर्मी भी व्यवस्था हेतु लगाए गए हैं. लगभग 70 से अधिक छठ घाट पूर्ण रूप से व्यवस्थित किए गए हैं.
छठ पूजा के लिए गाजियाबाद का हिंडन छठ घाट तैयार (ETV BHARAT) हिंडन छठ घाट पर लेजर शो का आयोजन:पुरबिया जनकल्याण परिषद की राष्ट्रीय अध्यक्ष रीता सिंह के मुताबिक, गाजियाबाद में लाखों की संख्या में लोग छठ महापर्व को मनाते हैं. गाजियाबाद में धूमधाम के साथ हिंडन नदी समेत 77 घाटों पर छठ पर्व मनाया जाता है. गुरुवार शाम को हिंडन छठ घाट पर लेजर शो का आयोजन किया जाएगा. साथ ही हेलीकॉप्टर के माध्यम से घाटों पर पुष्प वर्षा की जाएगी. जिला प्रशासन समिति विभिन्न विभागों के सहयोग से महापर्व का आयोजन होता है. हिंडन छठ घाट पर करीब तीन लाख से अधिक श्रद्धालु सूर्य को अर्घ देते हैं. हिंडन छठ घाट व्यवस्थाएं लगभग पूर्ण कर ली गई हैं. जो थोड़ा बहुत कार्य बाकी है उसे देर रात तक पूर्ण कर लिया जाएगा.
राष्ट्रीय महासचिव राकेश तिवारी के मुताबिक, पुरबिया जनकल्याण परिषद द्वारा जिला प्रशासन को हिंडन घाट समेत 77 घाटों की सूची उपलब्ध कराई गई थी. सभी घाटों पर जिला प्रशासन, नगर निगम, सिंचाई विभाग, बिजली विभाग समेत विभिन्न विभागों द्वारा व्यवस्था पूर्ण की गई है. हिंडन घाट पर अस्थाई चेंजिंग रूम बनाए गए हैं. घाट पर बैरिकेडिंग लगाई गई है, जिससे श्रद्धालु सुरक्षित हिंडन में खड़े होकर सूर्य को अर्घ दे सकें.
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