लखनऊ :जालसाजी कर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से करोड़ों का लोन लेने वाले गाजियाबाद के बिल्डर राजीव त्यागी और उनके दोनों बेटों पर बड़ी कार्रवाई हुई है. ईडी ( प्रवर्तन निदेशालय) ने 14 करोड़ 89 लाख की संपत्ति सोमवार को जब्त कर ली. इन संपत्तियों में त्यागी परिवार की दुकानें, कॉम्प्लेक्स और फ्लैट शामिल हैं. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (Prevention of Money Laundering Act 2002) के तहत की गई. सीबीआई ने भी इस मामले में साल 2022 में राजीव त्यागी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
ईडी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में जानकारी दी गई है कि गाजियाबाद के बिल्डर राजीव त्यागी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 22 करोड़ का लोन लिया था. कुछ वक्त तक उन्होंने ईएमआई जमा की लेकिन बाद में बंद कर दिया. बैंक राजीव त्यागी को डिफाल्टर मानते हुए उनकी बंधक बनाई संपत्ति को जब्त करने पहुंची.
इस दौरान पता चला कि जो संपत्ति बंधक बनाई गई है वह पहले से ही यूको बैंक के कब्जे में है. त्यागी ने उसी संपत्ति को बंधक रख यूको बैंक से भी लोन लिया था. इतना ही नहीं त्यागी ने कुछ ऐसी भी संपत्तियों बंधक रखी थी जो कभी उनके नाम थी ही नहीं. इस पर सीबीआई ने त्यागी के खिलाफ वर्ष 2022 को एफआईआर दर्ज की थी.
सीबीआई की गाजियाबाद यूनिट की ओर से मुकदमा दर्ज करने के बाद ईडी ने भी इसका संज्ञान लिया और त्यागी की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की. गाजियाबाद में साई कंस्ट्रक्शन के साझीदार राजीव त्यागी के औद्योगिक भूखंड, उनके बेटे अमर्त्य राज त्यागी दूसरे बेटे कनिष्क राज त्यागी की स्वामित्व वाली कंपनी एसकेटी गारमेंटस लिमिटेड, एसके इंटरप्राइजेज, साईं प्राइवेट लिमिटेड के नाम की दुकानें, कार्यालय, कॉम्पलेक्स जब्त कर लिए गए. इसकी कीमत 14.89 करोड़ है.
यह भी पढ़ें :वकील के नाम पर कंपनी खोलकर किया 43 करोड़ का व्यापार, जानकारी हुई तो पैरों तले खिसकी जमीन