श्रीनगर:पौड़ी बाल संरक्षण गृह प्रशासन की मुश्किलें अब बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. 17 वर्षीय किशोर की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस पूरे मामले पर गढ़वाल कमिश्नर विजय शंकर पांडे ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने इस घटना को चिंताजनक बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना बाल संरक्षण गृह में नहीं होनी चाहिए थी. कहा कि फिलहाल इसकी मजिस्ट्रेट जांच के बाद ही पता लग पाएगा कि किन कारण से किशोर की जान गई. वही जांच में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.दूसरी तरफ पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
आत्महत्या करने वाला किशोर पॉक्सो एक्ट के मुकदमे के कारण बाल सुधार गृह भेजा गया था. किशोर के खिलाफ 25 जून को कोतवाली कोटद्वार में पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था. किशोर पर अपनी सगी बहन से दुष्कर्म का आरोप लगा था. घटना का पता परिजनों को तब लगा, जब 13 साल की नाबालिग की तबीयत खराब हुई और परिजन उसे अस्पताल ले गए. लेकिन परिजनों के होश तब उड़े जब डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनकी बेटी 7 माह की गर्भवती है. जिसके बाद उन्होंने कोतवाली कोटद्वार में आरोपी किशोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. इस घटना से पूर्व अगस्त 2021 में भी युवक के खिलाफ मारपीट का मामला भी दर्ज है.