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गरबा पंडाल में एंट्री से पहले देनी पड़ेगी 'अग्निपरीक्षा', हिंदू संगठन पिलाएंगे पंचगव्य - MP Garba Pandals - MP GARBA PANDALS

मध्यप्रदेश में नवरात्र की शुरुआत के साथ ही गरबा पंडालों में एंट्री को लेकर गर्मागर्मी बढ़ती जा रही है. इंदौर के बाद अब भोपाल में हिंदू संगठनों ने गरबा पंडालों में एंट्री करने के कड़े नियम तय कर दिए हैं.

MP Garba Pandals
गरबा पंडाल में एंट्री के लिए कड़े नियम (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 3, 2024, 7:11 PM IST

भोपाल।नवरात्र के पहले दिन से ही गरबे की धूम सुनाई देने लगी है. कई पंडालों में आधार कार्ड दिखाकर एंट्री कराने की बात कही जा रही है तो वहीं अब भोपाल के एक गरबा पंडाल में एंट्री लेने वालों को पंचगव्य पिलाने का नियम बनाया गया है. एंट्री करने वालों से वाराह अवतार की फोटो का पूजन करवाया जाएगा. इसके पीछे हिंदू संगठनों का तर्क है कि ऐसे में किसी विधर्मी को गरबा पंडाल में एंट्री से रोका जा सकेगा. भोपाल के संस्कृति बचाओ मंच ने प्रदेश भर के गरबा समितियों से अपील की है कि वे अपने पंडालों में वाराह की फोटो लगाएं और आने वाले से पूजन करवाएं.

इंदौर के गौ मूत्र के बाद अब पंचगव्य से टेस्टिंग

भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच ने ये मांग उठा रहा है कि अब गरबा आयोजकों को अपने पंडाल में आने वाले लोगों को पंचगव्य पिलाना चाहिए. इसके अलावा जो भी पंडाल में आए, उनसे भगवान विष्णु के अवतार वाराह की पूजा भी करवाएं. संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्र शेखर तिवारी ने कहा "जो वाराह रूप को अपवित्र मानते हैं. फिर वे इस रूप के पूजन से इंकार कर देंगे और एक समुदाय विशेष के लोगों को गरबा पंडाल में जाने से रोका जा सकेगा."

संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्र शेखर तिवारी (ETV BHARAT)

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एंट्री करने वाले पर होगा पंचगव्य का छिड़काव

संस्कृति बचाओ मंच के अनुसार हर आगंतुक पंचगव्य का छिड़काव किया जाना चाहिए. बता दें कि पंचगव्य गौ उत्पादों से मिलकर तैयार होता है. इसमें प्रमुख रुप से दूध, दही, गौमूत्र, गोबर, घी शामिल हैं. वैसे आर्युवेदिक विज्ञान में पंचगव्य का इस्तेमाल औषधि के रूप में भी होता है. ये पंचगव्य कई सारे रोगों का निदान करता है. आर्युवेद में पंचगव्य को राम बाण औषधि के रूप में माना जाता है. वहीं, हिंदू धर्म शास्त्रों की मान्यता के अनुसार विष्णु भगवान का एक अवतार वाराह का भी है. माना जाता है कि ये धरती पर मानव रूप में भगवान विष्णु का पहला अवतार था. इसमें भगवान का शरीर मानव का है और सिर वाराह का.

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