लखनऊ: बिजली विभाग के बाह्य श्रोत कर्मचारियों के वेतन में से चुपचाप 400 और 344 रुपये की कटौती कर ली गई. इसके बाद संविदा पोर्टल पर दर्शा दिया गया कि पूरा वेतन भेजा गया है. इसके चलते आउटसोर्स कर्मचारियों में काफी नाराजगी है. इतना ही नहीं अप्रैल से 10% अतिरिक्त वेतन के भुगतान का वादा किया गया था, लेकिन एक्स्ट्रा पेमेंट मिलने के बजाय वेतन से पैसे काट लिए गए. इसे लेकर यूनियन के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों के साथ मिलकर विरोध जताया और इसे दुरुस्त करने की मांग की.
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि मामला विद्युत वितरण मंडल तृतीय तालकटोरा के अन्तर्गत कार्य कर रहे बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों का है. मेसर्स आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों को अप्रैल में अकुशल कर्मचारियों को 8,946 रुपये और कुशल कर्मचारियों को 11 हजार 47 रुपये का भुगतान किया है. जबकि कर्मचारियों के संविदा पोर्टल पर अकुशल कर्मचारियों का 9,290 रुपये व कुशल कर्मचारियों का 11 हजार 447 रुपये का वेतन भुगतान दिखाया गया है. इसी अनुपात में ईपीएफ भुगतान में भी अनियमितता की गई है.
उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन प्रबन्धन की तरफ से किए गए आदेश के अनुसार आउटसोर्सिंग के माध्यम कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों को अप्रैल से 10 प्रतिशत अधिक वेतन का भुगतान किया जाना था, जो नहीं किया गया. पाॅवर काॅरपोरेशन प्रबन्धन ने मेसर्स एसके इलेक्ट्रिकल व मेसर्स साधना सिक्योरिटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड से ईपीएफ में किए गए घोटाले की रिपोर्ट मांगी थी. इसमें खण्डीय कार्यालयों ने गलत रिपोर्ट भेज दी. जिससे कर्मचारियों का बड़ा नुकसान हुआ है.