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फर्म ने संविदा पोर्टल पर भर दी बिजली कर्मचारियों के भुगतान की गलत जानकारी, अब हो रहा विरोध - Fraud in pay of electricity workers

उत्तर प्रदेश पाॅवर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ (Fraud in Pay of Electricity Workers) ने संविदा कर्मचारियों के वेतन की गलत जानकारी पोर्टल पर फीड करने का आरोप लगाया है. कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने व्यवस्था दुरुस्त करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

प्रदर्शन करते उत्तर प्रदेश पाॅवर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के सदस्य.
प्रदर्शन करते उत्तर प्रदेश पाॅवर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के सदस्य. (Photo Credit-Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 25, 2024, 7:33 PM IST

Updated : May 25, 2024, 7:44 PM IST

लखनऊ: बिजली विभाग के बाह्य श्रोत कर्मचारियों के वेतन में से चुपचाप 400 और 344 रुपये की कटौती कर ली गई. इसके बाद संविदा पोर्टल पर दर्शा दिया गया कि पूरा वेतन भेजा गया है. इसके चलते आउटसोर्स कर्मचारियों में काफी नाराजगी है. इतना ही नहीं अप्रैल से 10% अतिरिक्त वेतन के भुगतान का वादा किया गया था, लेकिन एक्स्ट्रा पेमेंट मिलने के बजाय वेतन से पैसे काट लिए गए. इसे लेकर यूनियन के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों के साथ मिलकर विरोध जताया और इसे दुरुस्त करने की मांग की.

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि मामला विद्युत वितरण मंडल तृतीय तालकटोरा के अन्तर्गत कार्य कर रहे बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों का है. मेसर्स आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों को अप्रैल में अकुशल कर्मचारियों को 8,946 रुपये और कुशल कर्मचारियों को 11 हजार 47 रुपये का भुगतान किया है. जबकि कर्मचारियों के संविदा पोर्टल पर अकुशल कर्मचारियों का 9,290 रुपये व कुशल कर्मचारियों का 11 हजार 447 रुपये का वेतन भुगतान दिखाया गया है. इसी अनुपात में ईपीएफ भुगतान में भी अनियमितता की गई है.

उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन प्रबन्धन की तरफ से किए गए आदेश के अनुसार आउटसोर्सिंग के माध्यम कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों को अप्रैल से 10 प्रतिशत अधिक वेतन का भुगतान किया जाना था, जो नहीं किया गया. पाॅवर काॅरपोरेशन प्रबन्धन ने मेसर्स एसके इलेक्ट्रिकल व मेसर्स साधना सिक्योरिटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड से ईपीएफ में किए गए घोटाले की रिपोर्ट मांगी थी. इसमें खण्डीय कार्यालयों ने गलत रिपोर्ट भेज दी. जिससे कर्मचारियों का बड़ा नुकसान हुआ है.

पावर काॅरपोरेशन प्रबन्धन ने बिना संसाधन मुहैया कराए असिस्टेंट मीटर रीडिंग ऐप डाउनलोड करने का आदेश निर्गत कर 9000 रुपये वेतन पाने वाले कर्मचारियों पर 15 हजार रुपये का मोबाइल खरीदने और उसे प्रत्येक माह रिचार्ज कराने का आर्थिक भार डाल दिया है. इससे कर्मचारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. देवेन्द्र कुमार पाण्डेय के अनुसार इन समस्याओं के बाबत अधीक्षण अभियन्ता तृतीय तालकटोरा कार्यालय पर प्रदर्शन कर न्याय की मांग की गई है. इसके बावजूद अगर पूरा भुगतान नहीं दिया गया तो फिर काम नहीं करेंगे, आंदोलन करेंगे.

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Last Updated : May 25, 2024, 7:44 PM IST

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