उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

रोडवेज को झटका; नौकरी से बाहर हुए कर्मचारी फर्जी पास के जरिए परिवार संग कर रहे यात्रा, ड्राइवर-कंडक्टर महीनों ड्यूटी से गायब - roadways fake pass - ROADWAYS FAKE PASS

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को फर्जी पास के जरिए चूना लगाया जा रहा है. ऐसा करने वाले कभी रोडवेज में नौकरी करने वाले लोग ही हैं. यह जांच में सामने आया है.

रोडवेज को पूर्व कर्मचारी लगा रहे चूना.
रोडवेज को पूर्व कर्मचारी लगा रहे चूना. (photo credit etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 10:02 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को फर्जी पास के जरिए चूना लगाया जा रहा है. ऐसा करने वाले कभी रोडवेज में नौकरी करने वाले लोग ही हैं. जांच में यह सामने आया है कि ऐसे पूर्व कर्मचारी फर्जी पास लेकर रोडवेज बसों में परिवार संग यात्रा करते मिले हैं. यहीं नहीं, कई ड्राइवर-कंडक्टर महीनों ड्यूटी से गायब हैं और बसों में यात्रा कर रहे हैं. चालक-परिचालकों की कमी से जहां बसें निरस्त हो रही हैं, वहीं बसों में पास से सीटें रिर्जव कर ली जाती हैं. ऐसे में आम यात्रियों को सीटें नहीं मिलने से बस में खड़े होकर सफर करना पड़ता है.

एमडी ने दिखाई सख्ती

परिवहन निगम के चेकिंग दलों ने ऐसे प्रकरण का खुलासा किया है. इसके बाद एमडी ने आदेश दिया है कि पास से यात्रा करने वालों से कड़ाई से पेश आया जाए. यात्रारत स्टाफ का परिचय पत्र जांचने के साथ ही अवकाश प्रार्थना पत्र में स्टेशन छोड़ने की अनुमति सक्षम अधिकारी से ली गई है या नहीं, इसकी भी जांच चेकिंग दल कर रिपोर्ट दे. पास की चेकिंग के दौरान संबंधित डिपो से फोन पर पुष्टि भी करना जरूरी होगा.

रोडवेज को हो रहा नुकसान

परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने बताया कि फर्जी पास के जरिए बसों में सफर करने वाले स्टाफ का प्रकरण सामने आया है. इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. अवैध पास से यात्रा करने वालों की वजह से आम यात्रियों को बसों में सीटें नहीं मिल पाती हैं और परिवहन निगम को राजस्व का नुकसान भी उठना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में सभी चेकिंग दलों को पास के जरिए यात्रा करने वालों की सख्ती से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं.

रोडवेज कर्मियों के पारिवारिक पास खत्म

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों के लिए यह खबर बिल्कुल भी अच्छी नहीं है. गर्मी की छुट्टियों में जब अपने परिवार के साथ बसों से अपने पारिवारिक पास का इस्तेमाल करते हुए फ्री सफर करने की ख्वाहिश रखते हैं तो उसी समय उनके पारिवारिक पास के खत्म होने की जानकारी सामने आती है. नियमित कर्मचारी हो या संविदा कर्मी, दोनों स्तर के नि:शुल्क बस यात्रा के पास एक महीने पहले ही खत्म हो गए हैं. ऐसे में पारिवारिक पास समाप्त हो जाने के कारण उन्हें पास न मिलने से बस यात्रा करने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. श्रमिक समाज कल्याण संघ के प्रांतीय महामंत्री बनारसी राम ने एमडी को ज्ञापन सौंपा है. परिवहन निगम के पीआरओ अजीत सिंह ने बताया कि नि:शुल्क पास के कार्ड की छपाई समय रहते नहीं हो सकी. इससे कार्ड की कमी हुई है. जल्द ही कार्ड प्रिंट होंगे और उसके बाद सभी रोडवेज कर्मियों को पास उपलब्ध कराए जाएंगे.

पीपीपी मॉडल पर 12 बस स्टेशनों को विकसित करने के लिए खुलेगा टेंडर

यूपीएसआरटीसी के 12 बस स्टेशनों को विकसित करने पर फैसला 14 जून को हो जाएगा. पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन बनाने के लिए कंपनियों की ओर से आए टेक्निकल बिड का टेंडर शुक्रवार को मुख्यालय पर खुलेगा. इस टेंडर के जरिए कंपनियों की ओर से लोड किए गए प्रपत्रों की जांच होगी. यह भी सामने आएगा कि कहां-कहां की कंपनियों ने यूपी में पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन को विकसित करने के लिए दिलचस्पी दिखाई है.

ये स्टेशन होंगे विकसित

कानपुर के झकरकटी के अलावा 12 बस स्टेशन पीपीपी मॉडल पर विकसित होंगे. इनमें बनारस के कैंट और बनारस बस स्टेशन, गाजियाबाद क्षेत्र के साहिबाबाद, आगरा क्षेत्र के ट्रांसपोर्टनगर और ईदगाह बस स्टेशन, मेरठ के गढ़ मुक्तेश्वर नया, बरेली के बरेली सैटेलाइट, मथुरा क्षेत्र के मथुरा पुराना, अलीगढ़ क्षेत्र के रसूलाबाद और अलीगढ़, गोरखपुर क्षेत्र के गोरखपुर बस स्टेशन, बुलंदशहर क्षेत्र के बुलंदशगर नया और मिर्जापुर क्षेत्र के मिर्जापुर बस स्टेशन को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा.

यह भी पढ़ें :यूपी रोडवेज 2500 रूटों पर चलाएगा 5000 इलेक्ट्रिक बसें, यात्रियों को हाईटेक एसी बसों में सफर की सुविधा - up roadways

ABOUT THE AUTHOR

...view details