चंडीगढ़: हरियाणा सरकार में पूर्व संसदीय सचिव रह चुके रामपाल माजरा ने एक बार फिर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ज्वाइन कर ली है. राम पाल माजरा इंडियन नेशनल लोकदल के पुराने नेता हैं. वो कैथल के नंद करण माजरा गांव के रहने वाले हैं, इसीलिए नाम के साथ माजरा जुड़ा है. इनेलो और देवीलाल परिवार के साथ वो करीब 40 साल से जुड़े हुए हैं. इनेलो के टिकट पर वो तीन बार विधायक रह चुके हैं.
रामपाल माजरा पहली बार 1996 में कैथल जिले की पाई सीट से इनेलो के टिकट पर विधायक बने. इसके बाद 2000 हजार में भी इसी सीट से चुने गये. 2009 में परिसीमन के बाद पाई सीट खत्म हो गई. तो उन्होंने कैथल की कलायत सीट से चुनाव लड़ा और इस बार भी वो जीतने में कामयाब रहे. रामपाल माजरा हरियाणा में मुख्य संसदीय सचिव भी रह चुके हैं.
कौन हैं रामपाल माजरा?
- 1978 में अपने गांव माजरा के सरपंच बने थे.
- रामपाल माजरा जाट चेहरा हैं और 3 बार विधायक रह चुके हैं
- 1996 में पहली बार हरियाणा विधानसभा के सदस्य बने
- 2000 और 2009 में भी इनेले के टिकट पर विधायक चुने गए
- जिला बार एसोसिएशन के सदस्य रह चुके हैं
- कैथल और जींद जिले में अच्छा प्रभाव माना जाता है.
किसान आंदोलन के समर्थन में छोड़ी थी बीजेपी- 2014 के विधानसभा चुनाव में रामपाल माजरा निर्दलीय जयप्रकाश से चुनाव हार गये थे. रामपाल माजरा देवीलाल परिवार के साथ करीब 40 साल से जुड़े हुए हैं. 2019 में चौटाला परिवार में बिखराव शुरू हो गया. इनेलो से अलग होकर अजय चौटाला ने अपनी नई पार्टी जेजेपी बना ली. उसके बाद 2019 विधानसभा चुनाव से पहले रामपाल माजरा इनेलो छोड़कर बीजेपी में चले गये. केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुए किसान आंदोलन के समर्थन में उन्होंने 2021 में भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया.