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राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति के खिलाफ सड़क पर उतरे किसान, प्रतियां फूंककर किया प्रदर्शन - FARMER PROTEST IN JIND

राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति के खिलाफ किसान सड़क पर उतरने लगे हैं. सोमवार को किसानों ने इसकी प्रतियां फूंककर विरोध जताया.

FARMER PROTEST IN JIND
राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति के खिलाफ सड़क पर उतरे किसान (Protest- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 23, 2024, 8:46 PM IST

जींद: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान बचाने, दिल्ली जा रहे किसानों पर हो रहे दमन को बंद करने, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों को लुक्सर जेल से रिहा करने तथा राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति वापस लेने सहित अन्य मांगों को लेकर किसानों ने शहर में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी किसानों ने लघु सचिवालय पहुंचकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीसी को सौंपा.

'किसानों के साथ समझौते का उल्लंघन'

किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि मोदी नेतृत्व वाली एनडीए 3 की केंद्र सरकार लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करके किसान संगठनों और मंचों से जानबूझ कर बातचीत नहीं कर रही है. जिस कारण किसानों में केंद्र सरकार के खिलाफ भारी गुस्सा है. एनडीए 2 सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष के मद्देनजर नौ दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हस्ताक्षरित समझौते का उल्लंघन किया है. जिसने तीन कृषि अधिनियमों को निरस्त करना सुनिश्चित किया था.

किसानों को बेवजह किया जेल में बंद

एसकेएम ने 18वीं लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए 3 सरकार के सत्ता में आने के ठीक बाद 16, 17, 18 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री, संसद के दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं और संसद सदस्य को ज्ञापन सौंपे थे. किसानों ने नौ अगस्त 2024 को पूरे देश में कृषि पर कॉर्पोरेट नियंत्रण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. किसान मोर्चा ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और कृषि श्रमिक संघ व मंचों के साथ मिलकर 500 से अधिक जिला में बड़े पैमाने पर मजदूर किसान विरोध प्रदर्शन किए हैं. किसान नेताओं ने बताया कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा के 109 किसानों को झूठे केस में फंसाकर पिछले 21 दिनों से जेल में बंद किया हुआ है.

'किसानों को रिहा किया जाए'

इन किसानों पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. इन किसानों को तुरंत जेल से रिहा किया जाए. केंद्र की एनडीए 3 सरकार नई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति लेकर आ रही है, जो तीन कृषि कानून को पिछले दरवाजे से फिर से लागू करने की कॉर्पोरेट एजेंडे की रणनीति का हिस्सा है. हम इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे. ज्ञापन देने से पहले किसानों ने राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति की प्रतियां फूंकी. प्रदर्शन का नेतृत्व किसान सभा के राज्य प्रधान मास्टर बलबीर सिंह, बीकेयू घासीराम के राज्य प्रधान जोगेंद्र नैन व बीकेयू टिकैट के बारूराम ने किया.

किसानों की प्रमुख मांगें

  • किसान संगठनों के साथ बात करें और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान बचाएं.
  • दिल्ली कूच करने वाले किसानों का दमन रोकें.
  • नोएडा व ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों को लुक्सर जेल से रिहा करें.
  • राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को वापस लें.
  • सभी किसान संगठनों के साथ तत्काल चर्चा करें और सभी लंबित मुद्दों का समाधान करें.

ये भी पढ़ें- जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत से किसान नेता चिंतित, धरना देकर अविलंब केंद्र से हस्तक्षेप की मांग

ये भी पढ़ें- हरियाणा में भी तूल पकड़ने लगा किसान आंदोलन, खनौरी बॉर्डर पहुंचे सोनीपत के किसान

जींद: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान बचाने, दिल्ली जा रहे किसानों पर हो रहे दमन को बंद करने, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों को लुक्सर जेल से रिहा करने तथा राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति वापस लेने सहित अन्य मांगों को लेकर किसानों ने शहर में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी किसानों ने लघु सचिवालय पहुंचकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीसी को सौंपा.

'किसानों के साथ समझौते का उल्लंघन'

किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि मोदी नेतृत्व वाली एनडीए 3 की केंद्र सरकार लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करके किसान संगठनों और मंचों से जानबूझ कर बातचीत नहीं कर रही है. जिस कारण किसानों में केंद्र सरकार के खिलाफ भारी गुस्सा है. एनडीए 2 सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष के मद्देनजर नौ दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हस्ताक्षरित समझौते का उल्लंघन किया है. जिसने तीन कृषि अधिनियमों को निरस्त करना सुनिश्चित किया था.

किसानों को बेवजह किया जेल में बंद

एसकेएम ने 18वीं लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए 3 सरकार के सत्ता में आने के ठीक बाद 16, 17, 18 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री, संसद के दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं और संसद सदस्य को ज्ञापन सौंपे थे. किसानों ने नौ अगस्त 2024 को पूरे देश में कृषि पर कॉर्पोरेट नियंत्रण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. किसान मोर्चा ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और कृषि श्रमिक संघ व मंचों के साथ मिलकर 500 से अधिक जिला में बड़े पैमाने पर मजदूर किसान विरोध प्रदर्शन किए हैं. किसान नेताओं ने बताया कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा के 109 किसानों को झूठे केस में फंसाकर पिछले 21 दिनों से जेल में बंद किया हुआ है.

'किसानों को रिहा किया जाए'

इन किसानों पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. इन किसानों को तुरंत जेल से रिहा किया जाए. केंद्र की एनडीए 3 सरकार नई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति लेकर आ रही है, जो तीन कृषि कानून को पिछले दरवाजे से फिर से लागू करने की कॉर्पोरेट एजेंडे की रणनीति का हिस्सा है. हम इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे. ज्ञापन देने से पहले किसानों ने राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति की प्रतियां फूंकी. प्रदर्शन का नेतृत्व किसान सभा के राज्य प्रधान मास्टर बलबीर सिंह, बीकेयू घासीराम के राज्य प्रधान जोगेंद्र नैन व बीकेयू टिकैट के बारूराम ने किया.

किसानों की प्रमुख मांगें

  • किसान संगठनों के साथ बात करें और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान बचाएं.
  • दिल्ली कूच करने वाले किसानों का दमन रोकें.
  • नोएडा व ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों को लुक्सर जेल से रिहा करें.
  • राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को वापस लें.
  • सभी किसान संगठनों के साथ तत्काल चर्चा करें और सभी लंबित मुद्दों का समाधान करें.

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