पटनाःबिहार में गुप्तेश्वर पांडे का नाम आते ही सबसे पहले कड़क तेवर वाले पुलिस पदाधिकारी की छवि सामने आती है लेकिन उनकी यह छवि अब काफी पुरानी हो चुकी है. 4 साल पहले बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे कथा वाचक बन गए थे. उन्हें जगतगुरु रामानुजाचार्य की उपाधि भी मिल चुकी है. गुप्तेश्वर पांडे घूम घूमकर भागवत कथा करते नजर आते हैं.
तोता के साथ गुप्तेश्वर पांडे का भजनः भक्ति में लीन गुप्तेश्वर पांडे की तस्वीर लगातार सामने आती रहती है लेकिन इसबार एक अनोखी तस्वीर सामने आयी है. इसमें अलग अंदाज में दिख रहे हैं. गेरुआ वस्त्र धारण किए गुप्तेश्वर पांडे कंधे पर तोता को बैठाकर उसे भजन सुना रहे हैं. इसका वीडियो उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल 'X' पर शेयर किया है. झारखंड के गिरिदीह में तोता को भजन सुनाते नजर आ रहे हैं.
छोटे गांव निकल कर आईपीएस तक सफरः आईपीएस से जगतगुरु रामानुजाचार्य की उपाधि धारण करने वाले गुप्तेश्वर पांडे काफी तेज तर्रार पुलिस पदाधिकारी माने जाते थे. मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के छोटे से गांव गेरुआबन्द के रहने वाले हैं. यह ऐसा गांव था जहां बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य की कोई सुविधा नहीं थी. लेकिन पढ़ने की ललक के कारण उन्होंने अपना करियर बनाया. किसी तरह गांव से इंटर की पढ़ाई करने के बाद ग्रेजुएशन के लिए पटना विश्वविद्यालय में नामांकन कराया.
दूसरी बार में गुप्तेश्वर पांडे आईपीएस बने थेः ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी. पहली बार में इनका चयन IRS के लिए हुआ था. इसके बाद भी उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और 1987 में आईपीएस के तौर पर चयन हुआ और बिहार कैडर मिला. यहां से आईपीएस की जर्नी शुरू हुई. बिहार के कई जिलों में बतौर एसपी उन्होंने काम किया. तिरहुत प्रमंडल में आईजी के पद पर रहे.