जयपुर :अजमेर दरगाह में मंदिर होने के दावों को लेकर याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अजमेर दरगाह करीब आठ सौ साल पुरानी है, जहां पंडित नेहरू से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों की ओर से चादर चढ़ती है. इसके मायने होते हैं. एक तरफ आप चादर चढ़ा रहे हैं और दूसरी तरफ आपकी पार्टी के लोग केस कर रहे हैं. भ्रम फैला रहे हैं. गहलोत ने कहा कि यह कानून पास किया गया है कि 15 अगस्त, 1947 तक धार्मिक स्थलों की जो स्थिति है, उस पर कोई सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए, ताकि शांति कायम रहे. लंबे समय तक शांति रही भी है. अब दो-चार साल में जब से भाजपा और आरएसएस की सरकारें बनी हैं. कुछ लोग धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं.
ध्रुवीकरण के आधार पर जीत रहे चुनाव :गहलोत ने कहा कि चुनाव चाहे महाराष्ट्र का हो या हरियाणा का हो या लोकसभा का हो. सारे चुनाव ध्रुवीकरण के आधार पर जीते जा रहे हैं. खुलकर धर्म के आधार पर ये लोग अपने टिकट बांटते हैं. स्थिति बड़ी विकट है. यह उनको देखना चाहिए, जो आज शासन में हैं. शासन में बैठे लोगों की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है. सत्ता में जो हैं, उनकी जिम्मेदारी होती है कि विपक्ष को साथ लेकर चले. विपक्ष की भावना का आदर करें, जो ये नहीं कर रहे हैं. दुर्भाग्य से सत्ता पक्ष और विपक्ष में दूरियां इतनी ज्यादा हो चुकी हैं कि जैसे कोई दुश्मनी हो.
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उन्होंने कहा कि जब कानून पास हो गया. उसके बावजूद मंदिर और दरगाह में फंसे रहेंगे कि किसमें क्या था. ज्यादा महत्व यह रखता है कि देश में इश्यू क्या है. महंगाई, बेरोजगारी, विकास का मुद्दा है. अर्थव्यवस्था और सामाजिक न्याय का मुद्दा है. सामाजिक व्यवस्था का विषय है. आज हम हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और फारसी की बात करते हैं. देश में अलग-अलग भाषाएं हैं. इस देश में अलग-अलग जातियां हैं. इस कुनबे को एक रखना ही बड़ी बात है. कांग्रेस ने एक रखा है और कामयाब रहे हैं.