जयपुर. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित होने वाले कंपटीशन एग्जाम्स में अभ्यर्थियों को अब कुर्ता-पजामा पहनकर एग्जाम देने पहुंचना होगा. बोर्ड की ओर से ड्रेस कोड में बदलाव किया गया है. बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने सभी कैंडिडेट्स को मेटल चेन और मेटल जिप वाले जींस, पैंट या जैकेट पहनने पर रोक लगाई है. यदि अभ्यर्थी ऐसे कपड़े पहनकर परीक्षा केंद्र पहुंचेगा, तो उसे परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षा में शामिल होने से पहले अभ्यर्थी को अब कुर्ता-पजामा की शॉपिंग करनी होगी. दरअसल, हाल ही में आयोजित कराई गई जूनियर इंस्ट्रक्टर भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट को रोकने और पारदर्शी परीक्षा के उद्देश्य से डीटेल्ड फ्रिस्किंग, बायोमेट्रिक और सीसीटीवी लाइव कवरेज की शुरुआत की गई थी. डीटेल्ड फ्रिस्किंग के दौरान अभ्यर्थियों की मुख्य द्वार पर ही मेटल डिटेक्टर से जांच की गई, जिसमें छात्रों की ओर से पहने गए जैकेट, जींस और पेंट में लगी जिप और चेन की वजह से मेटल डिटेक्टर में बीप की आवाज आई.
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सभी पुरुष और महिला कैंडिडेट्स ध्यान दें कि मेटल चैन और मेटल जिप वाले जींस पैंट या जैकेट न पहने अन्यथा परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसलिए हमने ड्रेस कोड में बदलाव किया है, पुरुष कैंडिडेट्स को अब कुर्ता पजामा भी अब अलाउड है। सबको ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
— Alok Raj (@alokrajRSSB) January 20, 2025
ऐसे में अभ्यर्थियों की और गहनता से जांच करनी पड़ी कि कहीं उनके पास कोई ऐसा उपकरण तो नहीं जिससे परीक्षा में नकल या अनियमितता की जा सके. परीक्षा के बाद हुई बोर्ड की इंटरनल समीक्षा में इस पर चर्चा की गई कि सभी पुरुष अभ्यर्थी पेंट और जींस पहनकर ही परीक्षा देने पहुंचते हैं. कुछ महिला अभ्यर्थी भी जींस पहन कर एग्जाम देने आती हैं. इसी तरह सर्दी का मौसम होने के चलते महिला और पुरुष अभ्यर्थी जैकेट का इस्तेमाल भी करते हैं. ऐसे में अब डीटेल्ड फ्रिस्किंग के दौरान अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना न करना पड़े. इसलिए बोर्ड ने ड्रेस कोड में ही बदलाव करने का ऐलान किया है. उन्होंने परीक्षार्थियों को निर्देश दिए हैं कि वो परीक्षा के दौरान मेटल चेन और मेटल जिप वाले जींस, पैंट या जैकेट न पहने. अन्यथा उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी संदेश प्रसारित किया. साथ ही इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थियों को शेयर करने को कहा है.
उधर, अभ्यर्थियों और छात्र संगठनों ने इस आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए वापस लेने का आग्रह किया है. ताकि अभ्यर्थियों पर किसी तरह का अतिरिक्त आर्थिक भार न पड़े. छात्र नेता अमरदीप परिहार ने कहा कि बोर्ड गरीब तड़के पर बोझ न डाले . इस फैसले से छात्रों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ेगा. वहीं ABVP छात्र नेता रोहित मीणा ने भी बोर्ड के इस फैसले पर एतराज जताया है. उन्होंने कहा कि बोर्ड को ये तुगलगी फरमान वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्टू़डेंट पढ़ाई के लिए ही जैसे-तैसे पैसों का इतंजाम कर पाता है. फिर बोर्ड के नए फरमान के लिए गरीब छात्र कहां से पैसा लाएगा.
पहले ये नियम लागू :
- पुरूष अभ्यर्थी आधी/ पूरी आस्तीन के शर्ट/टी-शर्ट, पैन्ट पहन कर आएंगे.
- महिला अभ्यर्थी सलवार सूट, चुन्नी या साड़ी, आधी / पूरी आस्तीन का कुर्ता/ब्लाउज पहन कर एवं बालों में साधारण रबड़ बैंड लगा कर आएंगी.
- परीक्षार्थी पूरी आस्तीन का कुर्ता, शर्ट, ब्लाउज आदि पहन कर आ सकते है किन्तु अपनी वेशभूषा में बड़ा बटन, मेटल बटन, किसी प्रकार के ब्रोच (जडाऊ पिन) या बैज या फूल आदि लगा कर आने की अनुमति नहीं होगी.
- परीक्षार्थी लाख/कांच की पतली चूड़ियों के अलावा किसी भी प्रकार के जेवरात, अन्य प्रकार की चूडियां, कान की बाली (Earring), अंगूठी, ब्रासलेट पहनकर नहीं आएंगे.
- परीक्षार्थी परीक्षा केन्द्र में किसी भी प्रकार की घड़ी, धूप का चश्मा, बेल्ट, हैण्ड बैग, हेयर पिन, गण्डा/ताबीज, कैप/हैट, स्कार्फ, स्टॉल, शॉल, मफलर पहनकर परीक्षा में शामिल नहीं होंगे. हवाई चप्पल (स्लीपर), सैण्डल, जूते और मोजे सभी छोटे टकने (Ankle) तक के पहनकर आने की अनुमति होगी. मेटल चेन वाले जूते को पहनने की अनुमति नहीं होगी.
- यदि किसी वस्तु को पहनकर आने में या ड्रेस कोड में शामिल होने के संबंध में संदेह / विवाद हो तो इस संबंध में केन्द्र पर परीक्षा से जुड़े हुऐ अधिकारी का निर्णय मान्य होगा.