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फारेस्ट फायर की घटनाओं के बीच अब वन आरक्षियों ने तनी भौहें, वादाखिलाफी से नाराज कर्मी - Forest fire in Uttarakhand - FOREST FIRE IN UTTARAKHAND

Uttarakhand Forest Season उत्तराखंड में इस समय फॉरेस्ट फायर एक बड़ी समस्या दिखाई दे रही है. हालांकि वन विभाग इससे निपटने की कोशिश कर रहा है. लेकिन इस बीच फॉरेस्ट फायर पर काबू पाने की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी वन आरक्षी अपनी मांगों को लेकर आकर्षित होते दिखाई दे रहे हैं. पिछले लंबे समय से अपनी मांग पूरी न होने के चलते वन आरक्षियों ने भौहें तान ली है और विभाग में वादा खिलाफी को लेकर आक्रोश भी जाहिर कर दिया है.

Forest Reserve Organization demands
मांगों को लेकर वन आरक्षी मुखर (फोटो- ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 18, 2024, 8:02 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों में मानव वन्यजीव संघर्ष से लेकर फॉरेस्ट फायर जैसी समस्याओं के लिए सबसे आगे रहने वाले वन आरक्षियों ने प्रमुख वन संरक्षक (हाफ) को अपना स्पष्ट संदेश दे दिया है. वन आरक्षियों के संगठन ने पत्र लिखकर प्रमुख वन संरक्षक हॉफ को अपनी पुरानी मांगों की याद दिलाई है. हालांकि अभी प्रमुख वन संरक्षक ने हाफ के तौर पर नया चार्ज लिया है. लेकिन वन आरक्षियों ने साफ किया है कि उनकी मांगें बेहद पुरानी और सबसे बड़ी बात यह की वन मुख्यालय के स्तर पर बड़े अधिकारी भी उनकी इन मांगों को लेकर लिखित रूप से सहमति जता चुके हैं.

लेकिन इसके बावजूद कागजी रूप से उनकी मांगों पर कोई भी काम नहीं हो पाया है.वन आरक्षी संगठन की पहली मांग तो 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को प्रमोशन देने से जुड़ी है. दरअसल वन विभाग में बड़ी संख्या में फॉरेस्टर के पद खाली हैं. ऐसे में वन आरक्षी जाते हैं कि इन पदों पर सीनियरिटी के आधार पर उन्हें प्रमोशन दे दिया जाए. वन आरक्षी कहते हैं कि फॉरेस्ट फायर से लेकर मानव वन्य जीव संघर्ष तक के लिए वन आरक्षी सबसे आगे रहता है और ऐसे में उन्हें प्रोत्साहित करना बेहद जरूरी है. उनका कहना है कि फॉरेस्टर पद पर प्रमोशन के बाद जो पद वन आरक्षी के खाली होते हैं उन्हें भरे जाने पर वन विभाग को ध्यान देना चाहिए.

मुद्दा केवल इतना ही नहीं है, बल्कि फॉरेस्ट फायर के दौरान लापरवाही को लेकर पिछले दिनों सरकार ने जिन वन आरक्षी को निलंबित किया है. उसको लेकर भी कर्मचारियों ने नाराजगी जाहिर की है और लगातार इसके खिलाफ कार्य बहिष्कार और हड़ताल से जुड़ी बातें भी रखी जा रही हैं. वन आरक्षी संगठन ने जल्द से जल्द निलंबित किए गए कर्मचारियों को बहाल किए जाने की भी मांग की है. वन आरक्षी इस बात को लेकर भी नाराज हैं कि प्रदेश के कई प्रभाग में चरित्र पंजिका को अपूर्ण रखा गया है और चरित्र पंजिका को पूर्ण करने की कार्रवाई में लापरवाही बरती जा रही है.ऐसे में कर्मचारी संगठन ने राज्य के डीएफओ को इस मामले में निर्देशित किए जाने की मांग की है.

हालांकि वन आरक्षी संगठन ने फिलहाल किसी तरह से हड़ताल या कार्य बहिष्कार को लेकर अल्टीमेटम नहीं दिया है. लेकिन माना जा रहा है कि यदि इस पर वन मुख्यालय के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं होती है तो आने वाले दिनों में वन आरक्षी संगठन कोई बड़ा निर्णय ले सकता है. वन बीट अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन गड़िया कहते हैं कि कर्मचारियों की यह मांग कोई नई नहीं है और पिछले दिनों इसको लेकर आंदोलन के दौरान उनकी मांगों को मानें जाने की बाद ही कही गई थी. लेकिन अब तक इस पर क्या कार्य किया गया इसकी कोई जानकारी संगठन को मुख्यालय स्तर से नहीं दी गई है.

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