देहरादून: उत्तराखंड में सड़क सुरक्षा से जुड़े तमाम कार्यक्रम किए जाते हैं और समय-समय पर होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर भी तैयारी की जाती है. हालांकि इसके बावजूद भी दुर्घटनाओं का आंकड़ा कम नहीं हो पा रहा है. चिंता की बात ये है कि राज्य में कोई भी बड़ी सड़क दुर्घटना होने पर किसी भी विभाग की जिम्मेदारी तय नहीं हो पाती थी. इसी को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन विभाग राज्य में रोड सेफ्टी पॉलिसी को लाने जा रहा है. इस पॉलिसी में कई बिंदुओं पर गहन विचार के बाद विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.
पॉलिसी में सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी जरूरी मानकों और विषयों को इसमें रखा गया है, लेकिन खास तौर पर विभागों की जिम्मेदारी किस तरह से तय होगी. इसे भी इस पॉलिसी में शामिल किया गया है. इस दौरान खास तौर से लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग की सड़क सुरक्षा में किस तरह भूमिका होगी और सड़क दुर्घटना होने पर दुर्घटना की वजह साफ होने की स्थिति में किस विभाग की जिम्मेदारी बनेगी. इसे भी पॉलिसी में स्पष्ट किया जाएगा.
परिवहन विभाग लंबे समय से चली आ रही एक कमी को दूर करने जा रहा है. दरअसल परिवहन विभाग में फील्ड कर्मियों की कमी पहले से ही बनी हुई है. ऐसे में फील्ड स्तर पर अब अधिकारियों की संख्या को लेकर ढांचा गत सुधार किया जाएगा. इसके तहत प्रदेश में 11 ARTO के पद बढ़ाने पर विचार चल रहा है. इसमें 50% प्रमोशन तो 50% सीधी भर्ती के तहत इन पदों को रखा जाएगा.
हालांकि इसके लिए अभी अंतिम ड्राफ्ट बनना बाकी है और इसके बाद इसे कैबिनेट से हरी झंडी मिलना भी बाकी है. परिवहन विभाग में इस निर्णय के होने के बाद फील्ड स्तर पर और बेहतर तरीके से परिवहन विभाग निगरानी का काम कर सकेगा. वहीं, दूसरी तरफ जरूरत पड़ने पर 11 नए उपखंड भी किए जा सकते हैं.
उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक विधानसभा सत्र से पहले 12 फरवरी को होनी है. ऐसे में इस कैबिनेट बैठक में ही सड़क सुरक्षा पॉलिसी को लाने की तैयारी की जा रही है. इस बैठक में पॉलिसी पर चर्चा करने के बाद इसे हरी झंडी दी जा सकती है.
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