श्रीनगर: नगर निगम श्रीनगर के नवनिर्वाचित पार्षद और नेटबॉल खिलाड़ी सुमित बिष्ट के लिए 7 फरवरी का दिन बेहद खास रहा. दरअसल सुमित बिष्ट को एक ओर पार्षद पद की शपथ लेनी थी, वहीं दूसरी ओर 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड की टीम को जीत दिलाने के लिए मैदान में उतरना था. अपनी खेल प्रतिभा और सामाजिक सेवा के प्रति समर्पण का परिचय देते हुए सुमित ने दोनों जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है.
वकालत की प्रैक्टिस कर रहे सुमित बिष्ट: श्रीनगर नगर निगम के वार्ड नंबर 31 से पार्षद चुने गए सुमित बिष्ट एलएलबी करने के बाद वकालत की प्रैक्टिस कर रहे हैं. करीब तीन साल पहले उन्होंने दोस्तों के साथ नेटबॉल खेलना शुरू किया और अपनी मेहनत से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच बनाई.
शपथ ग्रहण छोड़कर गोल्ड के लिए संघर्ष कर रहे थे सुमित बिष्ट: 7 फरवरी को जब श्रीनगर में महापौर और पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा था, तब सुमित देहरादून में कर्नाटक के खिलाफ अपनी टीम के लिए संघर्ष कर रहे थे. उनकी बेहतरीन खेल क्षमता के दम पर उत्तराखंड की टीम ने यह मुकाबला जीत लिया. इससे पहले भी सुमित कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं और फेडरेशन कप का हिस्सा भी रह चुके हैं.
खेल और समाजसेवा दोनों महत्वपूर्ण: सुमित बिष्ट का कहना है कि खेल और समाजसेवा दोनों उनके लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं. यही कारण है कि उन्होंने पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ा और अपने वार्ड के विकास के लिए आगे आए. उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश के लिए गोल्ड मेडल ले आए, तो वार्ड के लिए पूरे पांच साल हैं.
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