रांची:झारखंड में वन्य जीवों की तस्करी के मामले आये दिन सामने आते हैं. रांची सहित विभिन्न जिलों में वन्य जीवों और पक्षियों का व्यापार खुलेआम हो रहा है. रांची के नामकुम, रांची स्टेशन रोड, बूटी मोड़ जैसे मुख्य चौक-चौराहों पर पिंजरे में कैद कर पशु-पक्षियों को खुलेआम बेचा जा रहा है. वहीं वन्य जीवों की तस्करी के खिलाफ वन विभाग कार्रवाई के मूड में दिख रहा है.
वन विभाग शुरू करेगा वन्य जीवों की तस्करी के खिलाफ अभियान
इस संबंध में रांची के डीएफओ श्रीकांत वर्मा ने बताया कि इन दिनों शहर में पिंजरे में कैद कर पशु-पक्षियों को बेचने वाले व्यापारियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जबकि पशु संरक्षण अधिनियम के तहत किसी भी उड़ने वाली पक्षी को पिंजरे में कैद कर बेचना जुर्म है. वन विभाग की तरफ से आये दिन वन्य जीवों के तस्करों पर नकेल कसने के लिए अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन अभियान कमजोर पड़ते ही तस्कर फिर सक्रिय हो जाते हैं.
वन विभाग ने एक विशेष टीम का किया गठन
डीएफओ ने बताया कि वन विभाग ने वन्य जीवों के तस्करों से निपटने के लिए एक खास प्लान तैयार किया है. वन विभाग ने एक विशेष टीम का गठन किया है, जो वन्य जीवों का व्यापार करने वालों पर नजर रखेगी और यह पता लगाएगी कि आखिर पशु-पक्षियों का अवैध व्यापार करने वाले किंगपिन कौन हैं.
पिंजरा सहित पक्षियों को पकड़कर किया जाएगा मुक्त
डीएफओ श्रीकांत वर्मा ने बताया कि जब भी कार्रवाई की जाती है तो वन विभाग के पदाधिकारियों के डर से वन्य जीवों का अवैध व्यापार करने वाले लोग पिंजरे से पक्षियों को आजाद कर देते हैं, लेकिन जो पक्षी महीनों तक पिंजरे में रह जाते हैं वो तुरंत उड़ नहीं पाते हैं. ऐसे में वन विभाग के कर्मी वैसे पक्षियों को शांत जगह में ले जाकर दो-तीन दिनों तक उड़ाने का प्रयास करते हैं. जब वन विभाग के प्रयास से पक्षी उड़ने लायक हो जाती है तो फिर उसे खुले आसमान में छोड़ दिया जाता है. साथ ही पशु तस्करों को गिरफ्तार कर लिया जाता है.