उत्तरकाशी: उप जिला चिकित्सालय पुरोला में पहली बार चिकित्सकों ने एक गर्भवती महिला का सफल और सुरक्षित सिजेरियन ऑपरेशन कर जच्चा बच्चा की जान को बचायी है. ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा. ऑपरेशन के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. पहली बार उप जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के बावजूद चिकित्सकों के सफल प्रयास से ऑपरेशन होने के बाद सामाजिक संगठनों, प्रतिनिधियों ने डॉक्टरों की टीम की सराहना कर बधाई दी.
उप जिला चिकित्सालय में पहली बार हुआ सिजेरियन ऑपेरशन: मोरी विकास खंड के देवरा गांव की गर्भवती लक्ष्मी देवी उम्र 19 वर्ष का पुरोला उपजिला चिकित्सालय में पहला सिजेरियन ऑपरेशन किया गया. चिकित्सकीय टीम के प्रयास से अस्पताल में हुए पहले सफल सिजेरियन ऑपरेशन की विधायक दुर्गेश्वर लाल ने सराहना की है. अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश आर्य ने बताया कि मोरी देवरा गांव की एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए सीएचसी मोरी लाया गया था. गंभीर हालत को देख मोरी के डाक्टरों ने उसे उपजिला चिकित्सालय पुरोला रेफर कर दिया था.
इस कारण जटिल था ऑपरेशन: पुरोला में चिकित्सकों ने जांच की तो पता चला कि शिशु के मां के गर्भ में ही मल त्याग करने से स्थिति गंभीर हो गई है. हायर सेंटर तक पहुंचाने में होने वाली देरी जच्चा बच्चा के लिए जोखिम भरा हो सकता है. दोनों को बचाना भी चुनौती बन गया. तब डॉ मनोज असवाल के नेतृत्व में डॉ किरण नेगी, सर्जन डॉ अर्पित और डॉ अंबिका (एनेस्थीसिया) ने संयुक्त रूप से सिजेरियन ऑपरेशन करने का निर्णय लिया.
पुरोला उप जिला चिकित्सालय में पहली बार सिजेरियन बच्चा हुआ पैदा: चिकित्सकों की टीम को सफलता मिली और सफल आपरेशन के बाद अब जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित और स्वस्थ हैं. डिप्टी सीएमओ डॉ रमेश आर्य ने कहा कि यह उप जिला चिकित्सालय पुरोला प्रभारी डॉ मनोज असवाल एवं डाक्टरों की संयुक्त टीम की इच्छा शक्ति, उच्च मनोबल का परिणाम है. अब यमुना घाटी के पुरोला, मोरी की गर्भवती महिलाओं को गंभीर हालत में देहरादून के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. साथ ही उत्तरकाशी मदर ब्लड बैंक से प्रत्येक ब्लड ग्रुप के 2-2 यूनिट ब्लड पुरोला उपजिला चिकित्सालय में स्टोरेज करने की डिमांड की गई है, जो जल्दी ही पूरी हो जाएगी. वहीं इस पहले सफल ऑपरेशन पर व्यापार मंडल अध्यक्ष बृज मोहन चौहान, अंकित पंवार, अमित सिंह चौहान समेत सभी लोगों ने डॉक्टरों को बधाई दी है.
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