उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

मकान के लिए महिला ने जीते जी कागजों में सास-ससुर और पति को मार डाला, फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के सहारे किया फर्जीवाड़ा - WOMANS REVELATION OF FRAUD

महिला के कारनामे का खुलासा होने पर वाराणसी नगर निगम के दो कर्मचारी सस्पेंड

Etv Bharat
नगर निगम ने दो कर्मचारियों को किया सस्पेंड (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 16, 2024, 10:34 PM IST

वाराणसी:धर्म की नगरी में अधर्म का ऐसा मामला सामने आया हर कोई हैरान रहा गया. एक महिला ने मकान के लिए पति के साथ सास और ससुर को कागजों में मार डाला. महिला ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर घर को अपने नाम करवा लिया. मामले की जांच हुई तो निगम के दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया. साथ ही आरोपी महिला अपर्णा सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश दिया गया है.

नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया की नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने वाराणसी के मोहल्ला डिठोरी महाल, अर्दली बाजार में फर्जी दस्तावेज के आधार पर नाम चढ़ाने के आरोप में कर अधीक्षक मुन्ना राम को सस्पेंड करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है. साथ ही आगले आदेश तक उसका वेतन भी रोक दिया गया. साथ ही मामले में तत्कालीन क्षेत्रीय कर निरीक्षक कुंवर विक्रम सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

वहीं संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में पिछले दिनों एक शख्स विनोद कुमार सिंह ने नगर आयुक्त को एक शिकायती आवेदन दिया था. जिसमें उन्होंने बताया कि, अर्पणा सिंह ने जोनल कार्यालय वरूणापार में भवन संख्या-एस 3/12 व 3/14 मोहल्ला डिठोरी महाल, अर्दली बाजार के मकान को अपने नाम पर चढ़ाने के लिए आवेदन दिया था. जिसके लिए उसने अपने ससुर प्रमोद कुमार सिंह सास राजकुमारी सिंह और पति मनीष सिंह का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाया है. जिस पर नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए अर्पणा सिंह के नाम मकान कर दिया गया. जबकी प्रमोद कुमार सिंह सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त होकर अभी पेंशन ले रहे हैं. वहीं मनीष सिंह एक नामी कंपनी में एमडी के पद पर कार्यरत हैं.

विनोद कुमार सिंह के आवेदन को नगर आयुक्त ने गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच कराई गई तो पाया गया कि अर्पणा ने फर्जी दस्तावेज बनवाकर जौनपुर नगर पालिका से तीनों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर वाराणसी नगर निगम में पेश किया था. इसकी जांच हुई तो मामला फर्जी पाया गया. साथ ही नामान्तरण के लिए लगाए गए दूसरे दस्तावेज भी फर्जी मिले.

यह भी पढ़ें :पीलीभीत में फर्जी सीमेंट फैक्ट्री का भंडाफोड़, छापे में 1200 कट्टे बरामद

ABOUT THE AUTHOR

...view details